चित्रकूट में इलाज के दौरान किशोरी की मौत पर स्वजन का हंगामा, बोले - डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मी शराब पीकर करते इलाज
चित्रकूट में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किशोरी की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस पर स्वजन ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर हंगमा किया। एसडीएम व थाना प्रभारी ने किसी तरह स्थिति को संभाला। वहीं स्वजन ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार किया है।
चित्रकूट, जागरण संवाददाता। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार की देर रात किशोरी की इलाज के दौरान मौत हो गई। उसको चार-पांच दिन से बुखार आ रहा था। स्वजन ने जमकर हंगामा किया। इलाज में लापरवाही करने और चिकित्सकों समेत स्वास्थ्य कर्मियों पर नशे की हालत में होने का गंभीर आरोप लगाया है। एसडीएम व थाना प्रभारी ने किसी तरह स्थिति को संभाला। सीएमओ ने तीन चिकित्सक व अन्य स्टाफ को मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल भेजा है। स्वजन ने पोस्टमार्टम के लिए शव को ले जाने से इन्कार कर दिया। सपा सदर विधायक अनिल प्रधान भी अस्पताल पहुंच गए हैं।
मानिकपुर कस्बे के बाल्मीकि नगर में रहने वाले अशोक पांडेय की 13 वर्षीय पुत्री स्तुति पांडेय को चार-पांच दिन से बुखार आ रहा था। सोमवार की देर रात उसकी हालत और बिगड़ गई। स्वजन उसे लेकर सीएचसी पहुंचे। आपातकालीन सेवा में तैनात चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों ने इलाज किया। कुछ घंटे बाद किशोरी की मौत हो गई। स्वजन, स्टाफ पर नशे में होने की बात कह हंगामा करने लगे। उनका आरोप था कि इलाज में लापरवाही की गई है।
सूचना मिलने पर एसडीएम प्रमेश श्रीवास्तव व थाना प्रभारी गिरेंद्र सिंह अस्पताल पहुंचे और किसी तरह स्थिति संभाला। थोड़ी देर में मुख्य चिकित्साधिकारी डा भूपेश द्विवेदी भी पहुंच गए। पिता से प्रार्थना पत्र लेकर तीन चिकित्सव व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल भेजा।
मंगलवार की सुबह करीब दस बजे सदर विधायक अनिल प्रधान भी सीएचसी पहुंचे गए। अब स्वजन इस बात पर अड़े हैं कि पहले लापरवाही करने वाले स्टाफ पर कार्रवाई की जाए। तभी शव को पोस्टमार्टम को ले जाएंगे। सीएमओ डा. भूपेश द्विवेदी ने बताया कि स्तुति पांडेय कई दिनों से बीमार थी। उसकी घर में हालत बिगड़ी थी। सीएचसी के डाक्टर बता रहे हैं कि किशोरी मृत अवस्था में आई थी। जबकि स्वजन कह रहे हैं कि बच्ची की सांसें चल रही थी, अगर आक्सीजन लगाई जाती तो बच सकती थी।
स्वजन के आरोप पर नशे संबंधी पुष्टि के लिए स्टाफ का मेडिकल परीक्षण कराया है। जिसमें ऐसा कुछ नहीं मिला है। अब मांग स्टाफ के ब्लड जांच की है। उसके लिए डाक्टरों व स्टाफ का ब्लड सैंपल लिया गया है। एसडीएम मानिकपुर की अगुवाई में तीन डाक्टरों की जांच कमेटी गठित की गई है। वह बच्ची के शुरुआती इलाज से लेकर आखिरी तक जांच करेगी। अगर कहीं पर किसी की लापरवाही जांच में सामने आई तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।