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मुखौटा कंपनियों पर फिर कसने लगा शिकंजा, रजिस्ट्रार आफ कंपनीज ने शुरू की कार्रवाई

रजिस्ट्रार आफ कंपनीज ने दो वित्तीय वर्ष में रिटर्न फाइल ना करने वाली कंपनियों को नोटिस जारी करके कार्रवाई की शुरुआत कर दी है। 15 दिन में रिटर्न फाइल करने का मौका दिया गया है और ऐसा ना करने पर आफिशियल रिकार्ड से हटा दिया जाएगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 10:00 AM (IST)
मुखौटा कंपनियों पर फिर कसने लगा शिकंजा, रजिस्ट्रार आफ कंपनीज ने शुरू की कार्रवाई
रिटर्न फाइल न करने वाली कंपनियों को नोटिस जारी।

कानपुर, जागरण संवाददाता। रजिस्ट्रार आफ कंपनीज ने एक बार फिर मुखौटा कंपनियों पर अपना शिकंजा कसा है, जो दो वित्तीय वर्ष से अपने रिटर्न फाइल नहीं कर रहे हैं। रजिस्ट्रार आफ कंपनीज का मानना है कि ये कंपनियां सिर्फ तमाम तरीके की वित्तीय अनियमितता करने में जुटी हैं। इसलिए इन्हें 15 दिन में अपने रिटर्न फाइल करने का मौका दिया गया है, अन्यथा इन्हें रजिस्ट्रार आफ कंपनीज के आफिशियल रिकार्ड से हटा दिया जाएगा।

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वर्ष 2018 में रजिस्ट्रार आफ कंपनीज ने मिनिस्ट्री आफ कारपोरेट अफेयर्स के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 2016-17 तक के रिटर्न फाइल ना करने वाली कंपनियों को नोटिस जारी किए थे। इसमें पूरे देश में तमाम कंपनियों के रजिस्ट्रार आफ कंपनीज ने अपने आफिशियल रिकार्ड से हटा दिया था। अब आयकर के छापों में फिर से मुखौटा कंपनियों के जरिए अपने ही काले धन को अपनी ही कंपनी में लगाने के मामले लगातार पकड़ में आ रहे हैं।

इसे देखते हुए रजिस्ट्रार आफ कंपनीज ने एक बार फिर उन कंपनियों को नोटिस जारी किया है जिन्होंने वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2019-20 में अपने रिटर्न रजिस्ट्रार आफ कंपनीज में फाइल नहीं किए हैं। यह कवायद रजिस्ट्रार आफ कंपनीज ने मुखौटा कंपनियों को खत्म करने के लिए है। इसमें जो कंपनियां काम नहीं कर रही होंगी वे रिटर्न की डिटेल नहीं भर पाएंगी और दूसरी ओर जो कंपनियां वास्तव में चल रही हैं और किसी वजह से अपने रिटर्न फाइल नहीं कर पाई हैं, वे अपने रिटर्न फाइल कर सकेंगी।

-रजिस्ट्रार आफ कंपनीज ने 15 दिन का समय दिया है। इसके बाद इन कंपनियों का पंजीयन रद हो जाएगा। नोटिस का मुख्य उद्देश्य ऐसी कंपनियों पर कार्रवाई करना है जो बिना कोई काम किए अपने नाम का इस्तेमाल कर आर्थिक गड़बडिय़ां कर रही हैं। इसीलिए ये रिटर्न भी फाइल नहीं करतीं। - गोपेश साहू, पूर्व चेयरमैन, भारतीय कंपनी संस्थान, कानपुर चैप्टर।


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