आखिर पकड़ में आ गया शिक्षा के मंदिरों का झूठ
परीक्षा केंद्र की दौड़ में स्कूल संचालकों ने खेल किया है और बोर्ड की वेबसाइट पर गलत जानकारियां अपलोड कर दीं है, जो डीआइओएस के सत्यापन में सामने आई हैं।
By AbhishekEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 05:24 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 05:24 PM (IST)
कानपुर (जागरण संवाददाता)। शिक्षा का मंदिर होने का दावा करने वाले स्कूल सरकार से कैसे झूठ बोल रहे हैं। यूपी बोर्ड परीक्षाओं के दौरान विद्यालय को किसी तरह परीक्षा केंद्र बनवाने के लिए कॉलेज संचालकों ने गलत जानकारियां बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कर दीं है। सत्यापन के बाद डीआइओएस को शक हुआ तो दोबारा अफसरों की टीमें भेजकर जांच कराई, जिसमें चौंकाने वाली हकीकत सामने आई है। करीब अस्सी फीसद विद्यालयों ने गलत जानकारी दी है।
वे मामले जिनसे सामने आया सच
1-रघुराज इंटर कॉलेज कठारा बिधनू। बोर्ड की वेबसाइट पर विद्यालय ने कुल कमरों की संख्या 18 दर्शायी, जांच में निक ले महज पांच।
2-राजेंद्र प्रसाद इंटर कॉलेज बिनौर भौंती। बोर्ड की वेबसाइट पर कुल 19 कमरे दर्शाए गए, जांच में केवल निकले चार।
3-बीएलकेडी इंटर कॉलेज इटर्रा टिकरा शिवली रोड। कुल 11 कमरों की जानकारी बोर्ड की वेबसाइट पर दी गई। जांच में केवल चार मिले।
4-किसान औद्योगिक इंटर कॉलेज, कुल कमरों की संख्या 25 बताई गई। जांच में केवल नौ कमरे मिले।
हर कमरे को बताया परीक्षा कक्ष
यूपी बोर्ड ने वेबसाइट पर विद्यालयों के अंदर बने ऐसे कमरों की संख्या देने को कहा था, जहां पढ़ाई होती है और परीक्षा कक्ष बना सकते हैं। संचालकों की ओर से हर कमरे को परीक्षा कक्ष बता दिया गया। बोर्ड के नियमों के मुताबिक प्रयोगशाला, प्रधानाचार्य, पुस्तकालय व वैकल्पिक कक्ष को छोड़कर अन्य कक्षों की कुल संख्या बतानी थी। मगर संचालकों ने जितने कमरे थे, सभी को कक्ष बताकर जानकारी बोर्ड को भेज दी। डीआइओएस सतीश तिवारी ने बताया कि कुल 680 माध्यमिक विद्यालयों में 80 फीसद ने गलत जानकारियां दीं। इन स्कूलों को नोटिस देने के साथ यह भी जानकारी कराई जा रही है कि कितने कमरों में पढ़ाई हो रही है और कितनी कक्षाएं लग रही हैं।
20 सितंबर तक जेडी कार्यालय में दर्ज कराएं आपत्ति
बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने निर्देश देते हुए कहा कि जिन विद्यालयों की जानकारी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड की गई, उन्हें लेकर अगर किसी को अपनी आपत्ति दर्ज करानी है तो वह 20 सितंबर तक संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) कार्यालय में आपत्ति दर्ज करा सकता है। 25 सितंबर तक जेडी परीक्षा केंद्रों की अंतिम सूची बोर्ड को भेज देंगे। इसके बाद परीक्षा केंद्रों का निर्धारण होगा।
70 कॉलेजों ने परीक्षा केंद्र बनाने से किया इंकार
शहर के 70 कॉलेज संचालकों ने डीआइओएस को पत्र भेजकर अपने कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने से मना कर दिया है। संचालकों की ओर से इतनी जल्दी मना कर देने की बात विभागीय अफसरों के गले नहीं उतर रही है। हालांकि इसके पीछे अहम कारण विद्यालयों में संसाधनों की कमी है। इसके अलावा तमाम विद्यालय ऐसे हैं, जहां मानक ही पूरे नहीं हैं। कॉलेज संचालक यह सोच रहे हैं कि अगर विद्यालय परीक्षा केंद्र बनता है तो यूपी बोर्ड के सामने उनकी पूरी तस्वीर होगी। साथ ही जो कमियां हैं, वह भी उजागर हो जाएंगी। डीआइओएस ने बताया कि फिलहाल बोर्ड से जिन परीक्षा केंद्रों का निर्धारण किया जाना है, उसकी सूची का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद इन कॉलेजों की जांच शुरू कराएंगे।
वे मामले जिनसे सामने आया सच
1-रघुराज इंटर कॉलेज कठारा बिधनू। बोर्ड की वेबसाइट पर विद्यालय ने कुल कमरों की संख्या 18 दर्शायी, जांच में निक ले महज पांच।
2-राजेंद्र प्रसाद इंटर कॉलेज बिनौर भौंती। बोर्ड की वेबसाइट पर कुल 19 कमरे दर्शाए गए, जांच में केवल निकले चार।
3-बीएलकेडी इंटर कॉलेज इटर्रा टिकरा शिवली रोड। कुल 11 कमरों की जानकारी बोर्ड की वेबसाइट पर दी गई। जांच में केवल चार मिले।
4-किसान औद्योगिक इंटर कॉलेज, कुल कमरों की संख्या 25 बताई गई। जांच में केवल नौ कमरे मिले।
हर कमरे को बताया परीक्षा कक्ष
यूपी बोर्ड ने वेबसाइट पर विद्यालयों के अंदर बने ऐसे कमरों की संख्या देने को कहा था, जहां पढ़ाई होती है और परीक्षा कक्ष बना सकते हैं। संचालकों की ओर से हर कमरे को परीक्षा कक्ष बता दिया गया। बोर्ड के नियमों के मुताबिक प्रयोगशाला, प्रधानाचार्य, पुस्तकालय व वैकल्पिक कक्ष को छोड़कर अन्य कक्षों की कुल संख्या बतानी थी। मगर संचालकों ने जितने कमरे थे, सभी को कक्ष बताकर जानकारी बोर्ड को भेज दी। डीआइओएस सतीश तिवारी ने बताया कि कुल 680 माध्यमिक विद्यालयों में 80 फीसद ने गलत जानकारियां दीं। इन स्कूलों को नोटिस देने के साथ यह भी जानकारी कराई जा रही है कि कितने कमरों में पढ़ाई हो रही है और कितनी कक्षाएं लग रही हैं।
20 सितंबर तक जेडी कार्यालय में दर्ज कराएं आपत्ति
बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने निर्देश देते हुए कहा कि जिन विद्यालयों की जानकारी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड की गई, उन्हें लेकर अगर किसी को अपनी आपत्ति दर्ज करानी है तो वह 20 सितंबर तक संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) कार्यालय में आपत्ति दर्ज करा सकता है। 25 सितंबर तक जेडी परीक्षा केंद्रों की अंतिम सूची बोर्ड को भेज देंगे। इसके बाद परीक्षा केंद्रों का निर्धारण होगा।
70 कॉलेजों ने परीक्षा केंद्र बनाने से किया इंकार
शहर के 70 कॉलेज संचालकों ने डीआइओएस को पत्र भेजकर अपने कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने से मना कर दिया है। संचालकों की ओर से इतनी जल्दी मना कर देने की बात विभागीय अफसरों के गले नहीं उतर रही है। हालांकि इसके पीछे अहम कारण विद्यालयों में संसाधनों की कमी है। इसके अलावा तमाम विद्यालय ऐसे हैं, जहां मानक ही पूरे नहीं हैं। कॉलेज संचालक यह सोच रहे हैं कि अगर विद्यालय परीक्षा केंद्र बनता है तो यूपी बोर्ड के सामने उनकी पूरी तस्वीर होगी। साथ ही जो कमियां हैं, वह भी उजागर हो जाएंगी। डीआइओएस ने बताया कि फिलहाल बोर्ड से जिन परीक्षा केंद्रों का निर्धारण किया जाना है, उसकी सूची का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद इन कॉलेजों की जांच शुरू कराएंगे।
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