Bank Locker: बैंक लाकर से जेवर या दस्तावेज चोरी पर क्या मिलेगा मुआवजा, यहां पढ़ें नियम और ध्यान रखने वाली बातें
Kanpur Bank Lockers Case latest Update कानपुर में सेंट्रल बैंक आफ इंडिया की कराचीखाना स्थित शाखा से अबतक चार लाकरों से जेवर चोरी के मामले सामने आ चुके हैं। लाकर धारकों के लाखों के जेवर गायब मिले हैं। शिकायत पर बैंक प्रबंधन अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास कर रहा है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। सेंट्रल बैंक आफ इंडिया की कराचीखाना शाखा में एक माह के अंदर लाकर से जेवर चोरी के चार मामले सामने आ चुके हैं और 80 लाख रुपये से भी ज्यादा के जेवर गायब हैं। अब खाताधारकों को मुआवजे के रूप में चंद हजार रुपये ही मिलेंगे। रिजर्व बैंक का आदेश है कि ऐसी स्थिति में वार्षिक किराए का 100 गुणा मुआवजा दिया जाएगा।
चार लाकर हो चुके खाली : 14 मार्च से लेकर चार अप्रैल तक सेंट्रल बैंक आफ इंडिया की इसी एक ही शाखा से तीन खाताधारकों के लाकर खाली निकले हैं। 14 मार्च को मंजू भट्टाचार्य के लाकर से 30 लाख, इसके बाद सीमा गुप्ता के लाकर से 20 लाख और चार अप्रैल को शकुंतला पोद्दार के खाते से 30 लाख रुपये के जेवर गायब हो चुके। चार अप्रैल की शाम को ही पंकज गुप्ता का भी लाकर नहीं खुला। उनका कहना है कि उनके लाकर में 20 लाख के जेवर हैं। इसी तरह मंगलवार को बैंक पहुंची एक और खाता धारक पंकज गुप्ता और उनकी पत्नी निधि गुप्ता ने अपना लाकर खोला तो जेवर गायब मिले।
क्या है आरबीआई का आदेश : लाकर से सामान गायब होने पर बैंक प्रबंधन जिम्मेदारी लेने से मना कर देते है और ग्राहक को बदले में कुछ नहीं देते थे। तर्क होता था कि लाकर रूम के अंदर खाताधारक के अलावा कोई और नहीं होता। रिजर्व बैंक ने अभी एक जनवरी 2022 से ही यह आदेश किए हैं कि लाकर का जितना वार्षिक किराया होगा, उसका 100 गुणा मुआवजा बैंक ग्राहक को देगा।
इस तरह होता वार्षिक शुल्क : शहर और बैंक लाकर के साइज के आधार पर उसका वार्षिक शुल्क तय होता है। अलग-अलग बैंकों के हिसाब से भी शुल्क बदल जाता है। कुछ बैंक लाकर का शुल्क 500 रुपये रखते हैं तो कुछ बड़े बैंकों के लाकर का शुल्क दो हजार से 12 हजार रुपये है।
खाताधारक इन बातों का रखें ध्यान
- चूंकि वार्षिक शुल्क का 100 गुणा तक ही बैंक मुआवजा देता है, इसलिए ग्राहकों को चाहिए कि शुल्क के 100 गुणा से ज्यादा मूल्य की चीजों को रखने से बचें।
- लाकर में रखी वस्तुओं की लिस्ट जरूर बनाएं और जब भी लाकर से कोई चीज निकालें या उसमें कुछ रखें तो उस लिस्ट को दुरुस्त कर लें।
- बैंक लाकर अगर खाताधारक कई वर्षों तक नहीं खोलता है तो बैंक अपने अनुबंध के हिसाब से उस लाकर को तोड़ सकता है।

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