रेमडेसिविर के तस्कर पर रासुका, डीएम ने पुलिस की रिपोर्ट पर लगाई मोहर
बाबूपुरवा में रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ पकड़े गए आरोपितों पर हुई कार्रवाई।
जागरण संवाददाता, कानपुर : बाबूपुरवा में रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ पकड़े गए आरोपितों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस की रिपोर्ट पर डीएम ने रासुका लगाए जाने को हरी झडी दे दी है। फिलहाल तीन में से केवल एक के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है। पुलिस पकड़े गए आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट तैयार भी कर रही है।
मिलिट्री इंटेलीजेंस के इनपुट पर यूपी एसटीएफ और बाबूपुरवा पुलिस ने कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में कारगर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले तीन शातिरों को किदवई नगर चौराहे के पास से पकड़ा था। आरोपितों ने पूछताछ में अपना नाम बक्तौरीपुरवा निवासी मोहन सोनी, पशुपति नगर निवासी प्रशात शुक्ल और यमुनानगर हरियाणा निवासी सचिन कुमार बताया था। आरोपितों के पास से 265 रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद हुए थे। सरगना मोहन सोनी ने पूछताछ में बताया कि था कि पश्चिम बंगाल के अपूर्वा मुखर्जी को तीन साल पहले 86 हजार रुपये उधार दिए थे। जो वह नहीं लौटा पा रहा था। रकम की एवज में उसने रेमडेसिविर इंजेक्शन बिक्री के लिए भेजे थे। पुलिस अपूर्वा और इंजेक्शन पश्चिम बंगाल से लाकर वाराणसी से रोडवेज बस के माध्यम से शहर भेजने वाले सप्लायर का सुराग अब तक नहीं तलाश पाई है। इस बीच लैब की रिपोर्ट आने पर इंजेक्शन नकली होने की जानकारी हुई तो पुलिस ने दर्ज मुकदमे में धाराएं बढ़ाई थीं। इधर मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी को भेजी। जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने बताया कि पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने सचिन के खिलाफ रासुका के लिए अनुमति दे दी है। फाइल आगे बढ़ा दी गई है। पुलिस आयुक्त ने बताया कि परीक्षण के उपरात तीन में से केवल सचिन रासुका के तहत निरुद्ध किए जाने का दोषी पाया गया।