बाबा बिरयानी के मुख्तार बाबा की बढ़ सकती हैं और मुश्किलें, फिर मोर्चा खोलने को तैयार है रानी
कानपुर में बेकनगंज के रामजानकी मंदिर परिसर में कब्जा करके बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट की चेन बनाने वाला मुख्तार बाबा ने दहशतगर्दी से मुमताज की आठ दुकानों पर कब्जा किया था। अब पत्नी रानी उसके खिलाफ मोर्चा खोलने को फिर तैयार हुई है।
कानपुर, जागरण संवाददाता : बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट के मालिक मुख्तार बाबा अब जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुका है। इसके साथ ही उसके विरुद्ध लड़ाई लड़ने वाली रानी उर्फ जीनत आजमी की इंसाफ की आस भी जिंदा हो गई है। मुख्तार बाबा ने स्वरूप नगर स्थित जिस भूखंड के बाहर बिरयानी का पतीला लगाते हुए धीरे-धीरे आठ दुकानें कब्जा ली थीं, वह रानी के पति मुमताज अहमद की थी। रानी ने अपने वकील से प्रार्थना पत्र तैयार करवा लिया है। बुधवार को पुलिस कमिश्नर से मिलकर मुख्तार पर मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र देंगी।
बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट के मालिक मुख्तार बाबा ने स्वरूप नगर स्थित भूखंड के बाहर बिरयानी का पतीला लगाना शुरू किया था और धीरे-धीरे आठ दुकानें कब्जा ली थीं। इसके बाद शुरू हुआ मुख्तार की धमकी, डर और दहशत का सिलसिला। हालात इस कदर बिगड़े की वर्ष 2010 में मुमताज ने अपने बेटे को खो दिया। बीमारी से वर्ष 2016 में उनकी भी मौत हो गई। मुमताज की पत्नी रानी उर्फ जीनत आजमी अकेली पड़ गईं। वह पांच साल तक प्रशासन और पुलिस के चक्कर लगाती रहीं लेकिन मदद नहीं मिली। अंत में अपनी ही संपत्ति से बेदखल कर दी गईं। मजबूरी में पड़ोस में ही किराये का मकान लिया और जीवन यापन के लिए दुकान शुरू की। बेटे और फिर पति को खोने के बाद वह पूरी तरह से टूट चुकी थीं। इंसाफ की आस भी दम तोड़ चुकी थी। दैनिक जागरण ने उनके साथ हुए अन्याय की खबर को प्रकाशित किया, जिसके बाद अब उन्होंने फिर से लड़ने की हिम्मत जुटाई है।
पांच करोड़ से अधिक के संपत्ति की हैं मालकिन : स्वरूप नगर स्थित भूखंड संख्या 112/338 और 112/339 का क्षेत्रफल 400 वर्ग गज है। मुमताज ने इसे वर्ष 1972 में खरीदा था। आज इस संपत्ति की कीमत पांच करोड़ से भी ज्यादा है। बावजूद इसके रानी और उनका बेटा राहिल किराये के मकान में रहते हैं। इस कमरे की स्थिति भी बेहद दयनीय है। ताला लगाने के लिए कुंडी तक ठीक नहीं है।
पतीला लगाकर शुरू किया था बिरयानी कारोबार : मुख्तार बाबा ने वर्ष 2001 में मुमताज से अनुमति लेकर भूखंड के चबूतरे पर पतीला लगाकर बिरयानी कारोबार शुरू किया था। इसके बाद उसने किराये पर मुमताज से दो दुकानें लीं और धीरे-धीरे आठ दुकानों पर कब्जा कर लिया। मुख्तार ने इस दुकान का लाइसेंस अपने भाई मुश्ताक के नाम पर ले रखा है जो बाबा फूड्स के नाम पर है। बिरयानी और मटन का सैंपल फेल होने के बाद सोमवार को इसे सीज कर दिया गया।