Ram Navami 2021: कामदगिरि के रज में जीवंत हैं प्रभु श्रीराम की स्मृतियां, यहां लोगों को मिल रहा स्वास्थ्य, शिक्षा और भोजन का अधिकार
Ram Navami 2021 यूपी-एमपी की सीमा पर बसे चित्रकूट के भगवान कामतानाथ के दरबार में करीब सात दशक से स्वास्थ्य शिक्षा और भोजन का अधिकार निश्शुल्क मिल रहा है और पर्यावरण संरक्षण की भी अलख जगाई जा रही है।
चित्रकूट, [हेमराज कश्यप]। Ram Navami 2021 यूपी-एमपी की सीमा पर बसी प्रभु श्रीराम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट का बड़ा महात्म्य है। यहां प्रभु श्रीराम के चरण पड़े थे और रज में उनकी स्मृतियां जीवंत हैं। मान्यता है कि चित्रकूट से वनवास के लिए प्रभु आगे चले तो कामदगिरि ने खुद को लेकर सवाल किया कि हमारा क्या होगा तब प्रभु ने कहा था कि मैं सदैव तुम्हारे साथ रहूंगा। यहां श्रद्धालु कामतानाथ जी के रूप में प्रभु श्रीराम के दर्शन करने आते हैं। देश को कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालु मंदाकिनी स्नान के साथ भगवान कामतानाथ के दर पर मत्था टेकते हैं। भगवान कामतानाथ के दरबार में करीब सात दशक से स्वास्थ्य, शिक्षा और भोजन का अधिकार निश्शुल्क मिल रहा है और पर्यावरण संरक्षण की भी अलख जगाई जा रही है।
महंत प्रेम पुजारी दास ने रखी नींव: श्री कामदगिरि ट्रस्ट राम मोहल्ला प्रमुख द्वार में स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण के लिए काम करीब सात दशक पहले शुरू हुआ था। महंत प्रेम पुजारी दास वर्ष 1957 में चित्रकूट आए थे। उस वक्त यह क्षेत्र शिक्षा में उपेक्षित था। महंत जी ने उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की। वर्तमान में यह विद्यालय धर्मनगरी का प्रारंभिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर तक का प्रमुख शैक्षणिक केंद्र है। उन्होंने गाय व मानव सेवा के उद्देश्य से गोशाला, औषधालय, भंडारा प्रसाद आदि प्रकल्प संचालित किए। आज अस्पताल में प्रतिदिन करीब सौ मरीजों का नि:शुल्क इलाज कर दवा दी जाती है।
सभी जीवों से था समान प्रेम: बाराबंकी में जन्मे महंत प्रेम पुजारी दास वर्ष 1952 में हैदरगढ़ क्षेत्र से विधायक थे। राजनीतिक जीवन से सन्यास लेकर वह चित्रकूट को अपनी आध्यात्मिक कर्मस्थली बना लिया था। उनका पूर्व नाम उमाशंकर मिश्र था। तत्कालीन महंत पंचम दास ने उन्हें प्रेम पुजारी दास नाम दिया। उनका प्रेम सभी जीवों से एक समान था।
मंदाकिनी व कामदगिरि को कर रहे हरा भरा: कामदगिरि ट्रस्ट की ओर से पर्यावरण बचाओ अभियान मंदिर के अधिकारी संत मदनगोपाल दास चला रहे हैं। वर्ष 2010 से प्रतिवर्ष मंदाकिनी व कामदगिरि में करीब पांच हजार पौधे रोपे जाते हैं। रैली निकालकर लोगों को जागरूक किया जाता है।
इनका ये है कहना
श्री कामदगिरि ट्रस्ट राम मोहल्ला प्रमुख द्वार से गाय, मानव व प्रकृति सेवा कई सालों से की जा रही है। यहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु आते है। मंदिर का प्रयास होता है कि लोगों को निश्शुल्क भोजन, आवास व दवा मिले। यहां की व्यवस्थाएं देखकर उनके अंदर भी सेवा भाव जागे। यह संदेश देने का प्रयास है। - कामदगिरि पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामस्वरूपाचार्य, महंत कामदगिरि प्रमुख द्वार