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नाकाबिल नौकरशाही और सोती सियासत से कानपुर की 10 लाख जनता बाढ़ की चपेट में

जिस शहर को सरकार 'स्मार्ट सिटी' बनाने का ख्वाब संजो रही है, वहां अफसरों की नाकाबिलियत ने पांच दिन की बारिश में ही नरक जैसे हालात पैदा कर दिए।

By Edited By: Published: Fri, 03 Aug 2018 10:54 AM (IST)Updated: Sat, 04 Aug 2018 08:31 AM (IST)
नाकाबिल नौकरशाही और सोती सियासत से कानपुर की 10 लाख जनता बाढ़ की चपेट में
नाकाबिल नौकरशाही और सोती सियासत से कानपुर की 10 लाख जनता बाढ़ की चपेट में

कानपुर (जेएनएन)। कागजी कलाकारी दिखाकर नगर निगम के अधिकारियों ने स्वच्छता के तमाम तमगे बेशक हासिल कर लिए हों, लेकिन वास्तविक कारगुजारियां अब किसी से छुपी नहीं हैं। जिस शहर को सरकार 'स्मार्ट सिटी' बनाने का ख्वाब संजो रही है, वहां अफसरों की नाकाबिलियत ने पांच दिन की बारिश में ही नरक जैसे हालात पैदा कर दिए। 'स्वच्छ भारत मिशन' चलता रहा, लेकिन नाले तक साफ नहीं किए गए।

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नतीजतन, नालों की गंदगी घरों में समा गई। सड़कें गड्ढामुक्त करने के लिए लाखों रुपया खर्च कर दिया गया, लेकिन उखड़ी सड़कें तालाब बन गई। जर्जर भवनों की सूची तो नगर निगम अधिकारियों ने बना ली, लेकिन एसी दफ्तरों से निकलने की फुर्सत न मिली। बारिश में मकान ढह रहे हैं, लोगों को घायल कर रहे हैं, जान ले रहे हैं। जनता की तकलीफ से सिर्फ अधिकारी ही नहीं, जनप्रतिनिधियों को भी कोई वास्ता नहीं।

जनता मदद मांगे तो अफसर कोरा आश्वासन या ऊलजुलूल जवाब दे रहे हैं। वहीं, चुनाव में वोट मांगने को गली-गली घूमने वाले विधायकों को आज इतनी फुर्सत नहीं कि जनता के बीच जाकर उनकी समस्या का समाधान कराएं। हद तो यह है कि जनता फोन करे तो इन माननीयों के पास उनसे बात करने तक का वक्त नहीं है। ये उस शहर के हाल हैं, जहां के उद्योग सरकार को करोड़ों का राजस्व देते हैं। सरकार में इस धरती की नुमाइंदगी दो-दो कैबिनेट मंत्री कर रहे हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं।

ये है जिम्मेदार अफसरों का रवैयाः

महिला से बोले एसडीएम, पानी भर गया तो घर छोड़ दो कानपुर : घरों में पानी भरने से जनता परेशान है। न सोने की जगह बची है और ना ही खाना बनाने-खाने की स्थिति। अपनी जिम्मेदारी समझते हुए अधिकारी कुछ कर नहीं रहे। यदि कोई मदद मांगे तो किस तरह का रवैया अफसर दिखा रहे हैं, यह घटना उसकी एक बानगी है- नौशीलधाम में नाला ओवरफ्लो होने से मंगलवार से घरों में पानी भरा है। दो दिन इंतजाम के बाद भी पानी नहीं उतरा तो यहां रहने वाली सीमा जैन ने गुरुवार सुबह 7:52 बजे जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत को फोन किया।

उनके मुताबिक, डीएम ने सारी बात गंभीरता से सुनने के बाद एसडीएम सदर संजय कुमार का नंबर दिया और कहा कि इनसे बात कर समस्या बता दें। 7:55 बजे उन्होंने एसडीएम को फोन किया तो जवाब मिला कि अभी किसी को भेजते हैं। उसके बाद सीमा जैन ऑफिस चली गई। दोपहर डेढ़ बजे घर लौटीं तो गली में एक जेसीबी खड़ी थी, जिसने नाले से कुछ गंदगी निकाली थी। उसके बाद भी घर में पानी का स्तर बढ़ता जा रहा था। 3:30 बजे उन्होंने नगर आयुक्त और फिर डीएम को दोबारा फोन किया।

डीएम ने बताया कि एनआरआइ सिटी के पास काम चल रहा है। अभी नौशीलधाम भी टीम पहुंचेगी। दोनों अधिकारियों से आश्वासन मिलने के बाद सीमा जैन ने फिर से एसडीएम सदर को फोन किया। जवाब मिला कि नाले की सफाई करा दी, अब नहीं पता कि कैसे पानी निकलेगा। सीमा ने पूछा कि तो हम क्या करें? बकौल सीमा, इस पर एसडीएम का जवाब था कि आप घर छोड़ दें और नगर निगम के स्कूल में जाकर बैठें। विधायक नीलिमा कटियार को फोन किया तो उनके पीआरओ ने कह दिया कि जो समस्या हो, हमें बताइए।

टूटने लगा जनता का सब्रः जगह-जगह हंगामा पनकी में जलभराव से फूटा आक्रोश, रोक दी रेल कानपुर : कमर तक भरा पानी। बेहाल जिंदगी। नाकारा और लाचार तंत्र। जनता करे भी तो क्या? भीषण बारिश के बाद शहर में पैदा हुए हालात से हलकान जनता का गुस्सा अब बढ़ने लगा है। गुरुवार को पनकी स्थित सुंदर नगर के लोगों ने दोपहर पौने एक बजे पनकी पड़ाव क्रॉसिंग के पास ट्रेन रोक दी। मालगाड़ी रोके जाने की वजह से ठीक पीछे चल रही इटावा पैसेंजर भी रुक गई। इधर सेंट्रल स्टेशन पर अलीपुर द्वार से दिल्ली जाने वाली ट्रेन भी करीब पौन घंटे खड़ी रही।

सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन, जिला प्रशासन, पुलिस और जीआरपी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाया। इसके चलते करीब एक घंटे तक ट्रैक बंद रहा और आधा दर्जन गाड़ियां लेट हो गई। पनकी के सुंदर नगर, गंगागंज, रतनपुर आदि क्षेत्रों में बारिश के बाद जलभराव हो गया है। सबसे खराब हालत सुंदर नगर की है, जहां लगभग ढाई से तीन फीट तक पानी भरा है। स्थानीय लोगों ने पानी निकालने के लिए कई बार नगर निगम व जिला प्रशासन के अधिकारियों से गुहार की, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई।

बिठूर रोड पर लगाया जामः बुधवार रात हुई तेज बारिश और नोन नदी में आई बाढ़ के पानी ने गंगपुर चकबदा, लुधौरी, प्रेमपुर, गंभीरपुर गांवों को जलमग्न कर दिया। समुचित पानी निकासी के लिए नाले की व्यवस्था न होने कारण पानी नहीं निकल सका। चारों गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने सुबह बीच सड़क पर बिजली के खंभे और सीवर लाइन की पाइप डालकर कल्याणपुर-बिठूर मार्ग पर जाम लगा दिया। राहगीर जाम में फंस गए। स्कूली बसों से उतरकर बच्चे पैदल स्कूल पहुंचे। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि एक मीटर चौड़ा नाला है, लेकिन अवैध निर्माण हो जाने से अब यह संकरा हो गया है, जिससे पानी निकासी में हर साल दिक्कत होती है। पूर्व सपा विधायक सतीश निगम भी पहुंच गए। दो घंटे जाम चला। इस दौरान अफसरों से कहासुनी भी हुई।

बर्रा में सड़क पर उतरी जनताः बर्रा-8 वरुण विहार कच्ची बस्ती में भीषण जलभराव होने के चलते क्षेत्रीय बाशिंदे हाईवे के किनारे तिरपाल और पन्नी लगाकर गुजर बसर कर रहे हैं। आरोप है कि प्रशासन की ओर से अब तक उन लोगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इससे आक्रोशित लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा किया।

बारिश के कारण 183 बसें निरस्तः पूर्वाचल के जिलों में हो रही बारिश के कारण रोडवेज की बसों को यात्री नहीं मिल रहे हैं, जिससे 183 बसों को निरस्त करना पड़ा। शहीद मेजर सलमान खान अंतरराज्यीय झकरकटी बस अड्डा पर 183 बसें नहीं आई। बस अड्डे के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक राजीव कटियार का कहना है कि बारिश के कारण यात्री नहीं मिल रहे, इसलिए बसें निरस्त हैं।

विस्थापित किए 3470 पीड़ितः शहर के कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। जलभराव में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रशासन ने राहत शिविर लगाए गए हैं। गुजैनी, रतनलाल नगर, सुंदर नगर पनकी और कल्याणपुर के लोग मुख्यत: प्रभावित हुए हैं, जिसमें शहरी और ग्रामीण मिलाकर लगभग 3470 लोग प्रशासन द्वारा बनाए 10 अस्थाई राहत शिविरों में विस्थापित किए गए हैं।

पांडु नदी के उफान में डूबे मकानः पांडु नदी में उफान से मेहरबान ¨सह का पुरवा समेत आसपास के क्षेत्रों में दूसरे दिन भी जलभराव रहा। बुधवार की अपेक्षा गुरुवार को जलस्तर और बढ़ गया, जिससे यहां के आरकेपुरम के पक्के मकानों में भी पानी घुस गया। नदी उफनने से बिनगवां में खलील मोहम्मद, जमील, रामबाबू, बउअन समेत कई लोगों के घरों में पानी भर गया और काफी सामान बह गया। इधर, सरस्वती नगर, द्विवेदी नगर, पीपरगवां, घाटूखेड़ा आदि गांव भी जलभराव की चपेट में आ गए। ओरछी गांव में शिवकरण सिंह, नानक सिंह, छिद्दू सिंह के कच्चे मकान गिरने से गृहस्थी बर्बाद हो गई। प्रभावित गांवों के लोगों का पलायन शुरू हो गया। ग्रामीण ने घर का बचा सामान निकालकर हाईवे किनारे रखा। कुछ परिवारों ने प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में शरण ले रखी है।

खेतों में भरा पानी, फसल बर्बादः नदी का पानी गांव के 35 किसानों के खेतों में भर गया। इससे मिर्च, गोभी, तरोई, लौकी, धनिया, मूली, तिल्ली की फसलें डूब गई हैं। किसानों के मुताबिक हरी सब्जी और मसाला की फसलों के डूबने से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। हरे चारे की फसल डूब जाने से मवेशियों को चारा खिलाने की समस्या आ गई है।

विधायक ने पहुंचकर जाना हालः जलभराव से आशियाने छिनने के बाद सड़क पर आए लोगों से मिलने किदवईनगर विधायक महेश त्रिवेदी बर्रा-8 ई- ब्लॉक, वरुण विहार की बस्ती पहुंचे। वहां उन्होंने नगर निगम के जोन-5 के जोनल अधिकारी मुनेश कुमार, अधिशासी अभियंता अशोक भाटी, पार्षद अर्पित यादव समेत अन्य लोगों के साथ दौरा किया। उन्होंने जल निकासी के प्रबंध और लोगों को सुरक्षित स्थान पर रुकवाने के निर्देश दिए।

प्रभावितों के लिए पहुंचाई खाद्य सामग्रीः रतनलाल नगर में बुधवार देर रात रफाका नाला उफनने से किनारे बसी बस्ती और आसपास के मकानों में जलभराव हो गया था। पार्षद विधि राजपाल ने पहुंचकर वहां से 150 घरों को खाली करा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रुकवाया। देर रात हुई बारिश के बाद से लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। पीड़ित परिवार को पार्षद ने खाद्य सामग्री का वितरण कराया। इसी तरह बाढ़ से प्रभावित लोगों को जेसीआइ कानपुर सेवा संकल्प के सदस्यों ने खाना पहुंचाया। पनकी हनुमान मंदिर के महंत श्रीकृष्ण दास और बालयोगी अरुणपुरी चैतन्य ने सुंदरनगर में भोजन वितरित किया।

बाढ़ में फंसे इलाकेः सुंदर नगर, गंगागंज, महावीरपुरम, कपली, पनका बहादुर, छीतेपुर, बनपुरवा, खाड़ेपुर, ई ब्लॉक बर्रा, न्यू बस्ती बारासिरोही के बाबा शिवनगर टिकरा, रौतेपुर, भीमसेन, नसेनिया गांव, बैकुंठपुर, सक्सूपुरवा, टिक्कनपुरवा, लुधौरी, गंगपुर, पेमपुर, बर्रा चार, रतनलाल नगर समेत कई इलाकों में पानी भर गया है।

इन विद्यालयों में भी भरा पानीः पढ़ाई ठप प्राथमिक विद्यालय महेंद्र नगर प्राथमिक विद्यालय पनका बहादुरपुर जूनियर विद्यालय पनका बहादुरपुर प्राथमिक विद्यालय छींटेपुर प्राथमिक विद्यालय देशामऊ प्राथमिक विद्यालय प्रतापपुर परसई

महापौर और अफसरों ने किया दौराः महापौर प्रमिला पांडेय, जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत, नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा व एडीएम एफआर संजय चौहान ने कई इलाकों का निरीक्षण किया। न्यू ट्रांसपोर्ट नगर योजना के फेज दो में पांडु नदी की तरफ केडीए द्वारा दीवार बनाए जाने की शिकायत क्षेत्रीय लोगों ने महापौर से की। उन्होंने अफसरों को दीवार गिरने को कहा।


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