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घोषणाएं नहीं स्टेशनों का विकास चाहिए

पिछले कई सालों से विकास की बाट जोह रहा सेंट्रल रेलवे स्टेशन, आसपास के रेलवे स्टेशनों के लिए भी केवल कागजों में बनीं विकास की योजनाएं

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 01:32 AM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 01:32 AM (IST)
घोषणाएं नहीं स्टेशनों का विकास चाहिए
घोषणाएं नहीं स्टेशनों का विकास चाहिए

जागरण संवाददाता, कानपुर : चेयरमैन रेलवे बोर्ड (सीआरबी) अश्वनी लोहानी शनिवार को कानपुर आ रहे हैं। एक दिनी दौरे में वह कानपुर में सेंट्रल रेलवे स्टेशन सहित रेलवे के विभिन्न विभागों का निरीक्षण करेंगे। संभावनाएं जताई जा रहा हैं कि वह कई विकास योजनाओं की घोषणाएं कर सकते हैं, लेकिन बड़ा यह सवाल यह है कि घोषणाओं को हकीकत में कैसे तब्दील किया जाए। पिछले कुछ सालों में कानपुर रेलवे का स्वर्णिम सपने दिखाए गए, लेकिन अब तक झोली खाली है।

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विश्वस्तरीय सेंट्रल रेलवे स्टेशन अभी सपना

सेंट्रल स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की घोषणा पिछले दो सालों से की जा रही हैं। इसके लिए मास्टर प्लान भी तभी बनाया गया है, जो कि अभी तक रेलवे बोर्ड में लंबित पड़ा है। री-डेवलपमेंट के प्रस्ताव को भी अब जाकर हरी झंडी मिली है, लेकिन योजना को अमलीजामा पहनने में अभी भी समय है।

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इन बिंदुओं पर अधूरा विकास

- सारे प्लेटफार्मो पर स्वाचालित सीढि़यां और लिफ्ट। स्वचालित सीढि़यां केवल सिटी साइड हैं और लिफ्ट के लिए गड्ढे खोदकर डाल दिए गए हैं।

- सारे प्लेटफार्मो पर ट्रेनों की लाइव जानकारी। यह योजना पूरी तरह से ठंडे बस्ते में हैं।

- सिटी साइड कामर्शियल काम्पलेक्स के साथ टिकट घर।

- बेस किचन को लेकर चर्चाएं काफी समय से चल रही हैं, लेकिन अब तक जमीन का निर्धारण भी नहीं हो सका।

- स्टेशन परिसर में अधिकांश बैंकों के एटीएम की स्थापना करके एटीएम हब तैयार करना।

- यात्रियों को बैठने के लिए सुविधाएं

- सभी प्लेटफार्मो पर स्वच्छ और शीतल पेयजल

- रेलवे स्टेशन का बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर

- इंट्रीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम को लागू करना।

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सुविधाओं की बाट जोह रहा गोविंदपुरी

8 मार्च 2018 को गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन को महिला रेलवे स्टेशन का दर्जा दिया गया था। तब दावा किया गया कि अगल छह महीने में यह स्टेशन टर्मिनल के रूप में विकसित किया जाएगा। दिल्ली से हावड़ा की ओर जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस का ठहराव यहां करने की घोषणा की गई थी। संयोग से शनिवार को छह महीने की मियाद पूरी हो रही है। एक अदद महिला रेलवे स्टेशन की घोषणा के अलावा गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन की सूरत में कोई बदलाव नहीं आया है। राजधानी एक्सप्रेस तो दूर किसी अतिरिक्त मेल ट्रेन का ठहराव भी गोविंदपुरी में नहीं बढ़ाया गया। महिला रेलवे स्टेशन में महिला शौचालय का इंतजाम भी छह महीने में नहीं हो सका है। यहां दो नए प्लेटफार्म बनाने की योजना भी थी, जो कि ठंडे बस्ते में है।

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अनवरगंज के खाते में बस उम्मीदें

सेंट्रल रेलवे स्टेशन के बाद अनवरगंज दूसरा बड़ा रेलवे स्टेशन है। यहां यात्री सुविधाओं का टोटा है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के आगमन की घोषणा से पहले बदहाल शौचालय और पेयजल व्यवस्था यहां की बड़ी समस्या थी। एक-दो दिन में अधिकारियों ने यहां की व्यवस्था को बदला है। महिलाओं के लिए अलग से शौचालय की अभी भी व्यवस्था नहीं है। महिला कर्मचारियों के लिए चेंजिंग रूम नहीं है। जीटी रोड से स्टेशन का संपर्क मार्ग बदहाल है।


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