रेल यात्रियों ने जताई आपत्ति, सफाई कर्मियों से नहीं लेंगे चादर और तौलिया Kanpur News
इस नई व्यवस्था पर परिवाद पुस्तिका में दर्ज कराई आपत्ति भाजपा सांसद ने भी रेलवे को लिखा पत्र।
कानपुर, जेएनएन। खर्च कम करने का चीनी मॉडल रेल यात्रियों को रास नहीं आ रहा है। उन्हें कतई पसंद नहीं है कि कोच में सफाई के लिए तैनात कर्मचारी उन्हें चादर-तौलिया आदि दे। रेलवे की इस व्यवस्था के खिलाफ यात्रियों ने परिवाद पुस्तिका में आपत्ति दर्ज कराई है, वहीं भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने भी रेलवे को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है। आपत्ति दर्ज कराने वालों में शताब्दी और श्रमशक्ति एक्सप्रेस के यात्री अधिक हैं।
अभी तक ट्रेनों में साफ-सफाई और वातानुकूलित कोच में अटेंडेंट के काम का ठेका अलग-अलग कंपनियों को दिया जाता था। खर्च में कटौती के लिए रेलवे बोर्ड ने एक ही कंपनी से काम कराने का निर्देश दिया। इसके तहत उत्तर मध्य रेलवे के अधीन कानपुर सेंट्रल स्टेशन से चलने वाले ट्रेनों में कोचों की सफाई और अटेंडेंट का ठेका दस करोड़ रुपये में अरुण एवियेशन को मिला। इसी कंपनी के कर्मचारी दोनों काम कर रहे हैं। इस बदलाव को रेल यात्री अस्वीकार कर रहे हैं। व्यवस्था लागू होने के बाद से अभी तक एक दर्जन से अधिक यात्री शिकायत दर्ज करा चुके हैं। उनका कहना है कि यह स्वच्छता से जुड़ा मामला है। टॉयलेट की सफाई करने वाला कंबल-तकिया देने आएगा तो स्वच्छता कहां रहेगी।
खर्च में कटौती, सुरक्षा का दावा
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि रेलवे बोर्ड की मंशा खर्च में कटौती और यात्रियों की सुरक्षा है। बोर्ड के पास इनपुट था खाली समय में इन कर्मचारियों को वसूली के काम में लगाया जाता था। कुछ-एक मौका देखकर अपराध भी कर जाते हैं। एक कंपनी के पास ठेका रहने से उसी की जिम्मेदारी होगी।
इनका ये है कहना
रेलवे बोर्ड का फैसला गलत है। जो कर्मचारी टॉयलेट साफ कर रहा है, उसी से कंबल, तकिया, चादर, तौलिया आदि लेने से क्या बीमारी नहीं बढ़ेगी। वहीं, सवाल रोजगार का भी है। अलग कंपनियां अलग-अलग लोगों को रोजगार देती थीं। एक इस व्यवस्था में रोजगार भी छिन रहा है। मैंने लिखित आपत्ति दर्ज कराई है।
-देवेंद्र सिंह भोले, सांसद अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र
कुछ यात्रियों ने आपत्ति दर्ज कराई है, लेकिन यह फैसला बोर्ड ने काफी सोच समझ कर लिया है। लोगों को भ्रम है कि वे टॉयलेट भी साफ करते हैं जबकि उसके लिए अलग टीम लगाई गई है। इस फैसले से यात्रियों की सुरक्षा भी बढ़ी है। साथ ही रेलवे के जरिये देश को आर्थिक फायदा भी हो रहा है।
-अमिताभ कुमार, मंडलीय रेल प्रबंधक, इलाहाबाद
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