पांडु नदी में बाढ़ से ओवरफ्लो हुआ रफाका नाला
- बर्रा आठ मायापुरम पिपौरी मर्दनपुर मेहरबान सिंह का पुरवा पनका गांव में भरा हुआ है।
- बर्रा आठ, मायापुरम, पिपौरी, मर्दनपुर, मेहरबान सिंह का पुरवा, पनका गांव में भरा हुआ है पानी, - बाढ़ प्रभावित लोगों के सामने खाने की समस्या
जागरण संवाददाता,कानपुर : शहर के दक्षिण क्षेत्र से बहने वाली पांडु नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। नदी किनारे स्थित बर्रा आठ, मायापुरम, पिपौरी, मेहरबान सिंह का पुरवा, पनका आदि इलाकों में नदी का पानी भरा हुआ है। इससे लोग घरों में कैद हैं। स्थिति यह है कि अब उनके सामने खाद्यान्न का संकट भी शुरू हो गया है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक भोजन का प्रबंध नहीं किया गया है। फजलगंज से दादानगर होते हुए मेहरबान सिंह का पुरवा में पांडु नदी में गिरने वाला रफाका नाला भी ओवरफ्लो हो गया है।
पनकी भाऊसिंह के पास से मेहरबान सिंह का पुरवा, मर्दनपुर आदि जगहों पर लोगों ने नदी में कब्जा कर रखा है। बड़े- बड़े मकान और फैक्ट्री भी नदी की भूमि पर ही बन गई हैं। अतिक्रमण के कारण ही अब नदी का पानी रफ्तार से नहीं निकल पाता है। यही वजह है कि आसपास के इलाकों में पानी भरता है। स्थिति यह है कि पनका गांव के लोग तो नाव से न्यू ट्रांसपोर्टनगर तक आते हैं और फिर जरूरी काम करके नाव से ही घर जाते हैं। पनका गांव के दीपक कुशवाहा ने बताया कि रोज सुबह काम पर निकलने के लिए साइकिल को नाव पर लाद कर लाते और अंधेरा होने से पहले घर आ जाते हैं। इसी तरह बर्रा आठ ई वन ब्लाक कच्ची बस्ती के लोगों की गृहस्थी व बिस्तर के नीचे रखे रुपये भी पानी में बह गए। लोग दिन में तो किसी तरह भोजन बना लेते हैं, लेकिन रात में दिक्कत आ रही है। प्रशासन की ओर से ठहरने के लिए बर्रा विश्वबैंक आइ ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय को राहत शिविर बनाया गया है, लेकिन भोजन का इंतजाम न होने से कोई शिविर में नहीं ठहरा है।
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पांडु नदी का जलस्तर बढ़ा तो अनाज भीगकर खराब हो गया। सामान व बिस्तर भी भीग गए हैं। अब एक समय ही खाना खा पाते हैं। प्रशासन की ओर से भी भोजन की कोई व्यवस्था नहीं की गई।
-ऋषि कुमार, बर्रा आठ
कच्ची से बस्ती से राहत शिविर तीन किमी दूर बनाया गया है। घर में महिलाएं बीमार हैं। इस वजह से शिविर में नहीं जा पर रहे हैं। गृहस्थी के सामान भीग जाने से बड़ी दिक्कत है।
विनय सचान, बर्रा आठ