जेम पोर्टल से सामान खरीदें नहीं तो होंगे दंडित : सत्यदेव पचौरी
सरकारी विभागों और उपक्रमों में सामग्री व सेवाओं की खरीद के लिए सरकार जेम पोर्टल को अनिवार्य कर चुकी है।उद्यमि पोर्टल के माध्यम से उत्पादों की ब्रांडिंग मुफ्त में कर सकते हैं।
By Edited By: Published: Tue, 02 Oct 2018 01:36 AM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 10:47 AM (IST)
जागरण संवाददाता, कानपुर : सरकारी विभागों और उपक्रमों में सामग्री व सेवाओं की खरीद के लिए सरकार जेम पोर्टल को अनिवार्य कर चुकी है। इसके बावजूद विभाग इसमें रुचि नहीं ले रहे है। इस पर सरकार कितनी सख्ती बरतने जा रही है, यह एमएसएमई मंत्री सत्यदेव पचौरी ने सोमवार को स्पष्ट कर दिया। उद्योग विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में उन्होंने दो टूक समझाया कि यदि विभागों ने खरीद जेम पोर्टल से नहीं की तो अधिकारी निश्चित दंडित होंगे।
जिला उद्योग केंद्र ने सोमवार को मर्चेट चैंबर हॉल में जेम (गवर्नमेंट ई-मार्केट) पोर्टल की कार्यशाला आयोजित की। इसमें मंत्री ने उद्यमियों को सलाह दी कि वह जेम पोर्टल के माध्यम से अपने उत्पादों की ब्रांडिंग बड़े स्तर पर मुफ्त में कर सकते हैं। एमएसएमई मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार नई तकनीक के जरिये बुनियादी परिवर्तन की दिशा में कदम उठा रही है, लेकिन हम 70 साल पुरानी व्यवस्था में ही बंधे हैं। तकनीक नहीं अपनाना चाहते है।
टेंडर, कोटेशन आदि के जरिये सामग्री खरीदना चाहते हैं, लेकिन अब नहीं चलेगा। पहले सरकार समझदार नहीं थी, लेकिन अब सरकार समझदार है। उन्होंने उदाहरण दिया कि सरकार ने कम्प्यूटर खरीद के लिए 50 करोड़ रखे थे, लेकिन जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदे तो काफी कम में ही आ गए।
..तो ऑडिट में फंसेंगे आप
जेम पोर्टल के प्रदेश के नोडल अधिकारी अपर आयुक्त उद्योग विनय कुमार ने कहा कि जेम पोर्टल पर सामग्री 10 फीसद सस्ती है। यदि अधिकारियों ने इसकी बजाए अन्य माध्यमों से खरीद की तो ऑडिट में कीमतों का अंतर दर्ज होगा और आप फंसेंगे। संयुक्त आयुक्त उद्योग सर्वेश्वर शुक्ला ने बताया कि कानपुर में 107 में से मात्र 35 विभागों ने ही पंजीयन कराया है।
इस आंकड़े पर नाराज जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने निर्देश दिए कि अक्टूबर तक सभी विभाग पंजीयन कराएं। सूचना न देने वाले अधिकारियों को वेतन रोक लिया जाएगा। तकनीकी जानकारी जेम पोर्टल के भारत सरकार के कंसल्टेंट प्रवीन वाधवानी ने दी। मंच पर निदेशक एमएसएमई यूसी शुक्ला, संयुक्त आयुक्त उद्योग कंचन सिंह, फियो सलाहकार वाईएस गर्ग, मर्चेट चैंबर के अध्यक्ष वीएम गर्ग और उपाध्यक्ष अभिषेक सिंहानिया भी थे।
जिला उद्योग केंद्र ने सोमवार को मर्चेट चैंबर हॉल में जेम (गवर्नमेंट ई-मार्केट) पोर्टल की कार्यशाला आयोजित की। इसमें मंत्री ने उद्यमियों को सलाह दी कि वह जेम पोर्टल के माध्यम से अपने उत्पादों की ब्रांडिंग बड़े स्तर पर मुफ्त में कर सकते हैं। एमएसएमई मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार नई तकनीक के जरिये बुनियादी परिवर्तन की दिशा में कदम उठा रही है, लेकिन हम 70 साल पुरानी व्यवस्था में ही बंधे हैं। तकनीक नहीं अपनाना चाहते है।
टेंडर, कोटेशन आदि के जरिये सामग्री खरीदना चाहते हैं, लेकिन अब नहीं चलेगा। पहले सरकार समझदार नहीं थी, लेकिन अब सरकार समझदार है। उन्होंने उदाहरण दिया कि सरकार ने कम्प्यूटर खरीद के लिए 50 करोड़ रखे थे, लेकिन जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदे तो काफी कम में ही आ गए।
..तो ऑडिट में फंसेंगे आप
जेम पोर्टल के प्रदेश के नोडल अधिकारी अपर आयुक्त उद्योग विनय कुमार ने कहा कि जेम पोर्टल पर सामग्री 10 फीसद सस्ती है। यदि अधिकारियों ने इसकी बजाए अन्य माध्यमों से खरीद की तो ऑडिट में कीमतों का अंतर दर्ज होगा और आप फंसेंगे। संयुक्त आयुक्त उद्योग सर्वेश्वर शुक्ला ने बताया कि कानपुर में 107 में से मात्र 35 विभागों ने ही पंजीयन कराया है।
इस आंकड़े पर नाराज जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने निर्देश दिए कि अक्टूबर तक सभी विभाग पंजीयन कराएं। सूचना न देने वाले अधिकारियों को वेतन रोक लिया जाएगा। तकनीकी जानकारी जेम पोर्टल के भारत सरकार के कंसल्टेंट प्रवीन वाधवानी ने दी। मंच पर निदेशक एमएसएमई यूसी शुक्ला, संयुक्त आयुक्त उद्योग कंचन सिंह, फियो सलाहकार वाईएस गर्ग, मर्चेट चैंबर के अध्यक्ष वीएम गर्ग और उपाध्यक्ष अभिषेक सिंहानिया भी थे।
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