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Pulwamam Attack Anniversary : शहीद आजाद की बहादुर बेटी ने भी पाल रखा है सेना में जाकर देश सेवा का जज़्बा

पत्नी यादों के सहारे जीवन बिता रही हैं तो माता-पिता और भाई को शहादत पर फख्र है।

By AbhishekEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 02:18 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 02:18 PM (IST)
Pulwamam Attack Anniversary : शहीद आजाद की बहादुर बेटी ने भी पाल रखा है सेना में जाकर देश सेवा का जज़्बा
Pulwamam Attack Anniversary : शहीद आजाद की बहादुर बेटी ने भी पाल रखा है सेना में जाकर देश सेवा का जज़्बा

उन्नाव, जेएनएन। पुलवामा हमले में शहीद शहर के लोकनगर निवासी सीआरपीएफ जवान अजीत कुमार आजाद आज भी घरवालों के लिए जिंदा है। माता-पिता और भाई को शहादत पर गर्व है तो बहादुर बेटियां सेना में जाकर देश सेवा करने का जज़्बा पाले हैं। पत्नी अब यादों के सहारे जीवन बिता रही हैं। पुलवामा हमले की बरसी पर शहीद जवान के घर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आना जाना जारी रहा।

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यादों के सहारे रह गई जिंदगी

शहीद अजीत कुमार आजाद की पत्नी मीना को विकास भवन में नौकरी मिल गई है। वह गुरुवार को भी ऑफिस में काम कर रही थी। उन्होंने बातचीत में कहा कि अब तो पति की यादों के सहारे ङ्क्षजदगी कटेगी। उनका (पति) सपना था बेटियों को कुछ बनाना है बस उस सपने को पूरा करने के लिए बच्चों को पढ़ाना लिखाना ङ्क्षजदगी का पहला उद्देश्य रह गया। सुहाग उजडऩे का गम है लेकिन गर्व है कि मेरे सुहाग की शहादत पर पूरे देश को नाज है और आज भी याद कर रहा है।

पापा के जैसे करनी है देश की सेवा

शहीद अजीत कुमार आजाद की दो बेटियां हैं इनमें बड़ी बेटी 9 वर्षीय ईशा आजाद कक्षा 4 और छोटी बेटी सात वर्षीय श्रेया कक्षा दो में कानपुर के सेठआंनदराम जयपुरिया स्कूल में पढ़ती हैं। ईशा से पापा के संबंध में पूछते ही वह अपने पापा की फोटो निहारते हुए बोली पापा कहते थे मेरी बहादुर बेटी मुझे उनके जैसा बनकर देश सेवा करनी है।

एक मिनट के लिए दिल से दूर नहीं होती लाल की यादें

शहीद अजीत कुमार आजाद की मां राजवंती बेटे की याद करते ही गम से बोझिल हो गई आंखें डबउबा गई, हाथ से ही आंसू पोछते हुए हर मां को बेटे की जुदाई का गम असहनीय होता है मेरे लिए भी है लेकिन उसकी यादें एक मिनट के लिए भी दिल से जुदा नहीं होती हैं। आज भी मुझे याद है बचपन में वह बाजार जाने पर खिलौना के लिए बंदूक लेने को मचलता था। बड़ा हुआ तो वह यही कहता था। मां मैं देश की सेवा करूंगा और आप लोगों का ऐसा नाम रोशन करूंगा कि दुनिया आप को याद करेगी। शहीद होकर उसने इस बात को सच कर दिखाया।

देश पर बलिदान हो लाल ने बढ़ाया मान

शहीद अजीत कुमार आजाद की यादों पर सवाल करते ही उसके पिता प्यारेलाल का गला रुंध गया, आंखों का पानी पोछते हुए भर्रायी आवाज में कहा कि हमें अपने बच्चे पर गर्व है, वह देश की सेवा में बलिदान हो गया। जिस बेटे का शव तिरंगे में लिपट कर आए और पूरा देश शोक मनाए उस बाप को अपने लाल पर गर्व होता है मुझे भी है। पिता ने बताया कि बचपन से ही फौज में जाने और देश पर न्यौछावर होने का उसके अंदर जज्बा था।

भाई की याद में नहीं थमते आंसू

छोटा भाई रंजीत ने कहाकि वैसे तो भाई की याद पल-पल दिल को कचोटती है। जब भी याद आती है मां-बाप, भाभी और बच्चों से छिपकर आंसू बहा लेता हूं। भाई खोने का गम तो है, लेकिन फक्र इस बात का है कि पूरा देश मेरे भाई पर गर्व करता है।  


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