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हानिकारक भी होता है प्रोटीन, निदान खोजने में जुटा मेडिकल कालेज और आइआइटी

खराब हो सकते गुर्दा, हृदय व फेफड़े, गुर्दा रोगियों के पेशाब और बायोप्सी की हो रही जांच।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 01:30 PM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 01:30 PM (IST)
हानिकारक भी होता है प्रोटीन, निदान खोजने में जुटा मेडिकल कालेज और आइआइटी
हानिकारक भी होता है प्रोटीन, निदान खोजने में जुटा मेडिकल कालेज और आइआइटी

कानपुर [शशांक भारद्वाज]। स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने के लिए प्रोटीन बेहद आवश्यक है। इसमें प्रतिरोधक क्षमता होती है। यह कोशिकाओं, हार्मोन और हड्डियों के बनाने में कारगर हैं, लेकिन यह इम्यून मैकेनिज्म (प्रतिरक्षा तंत्र) में गड़बड़ी की वजह से खतरनाक साबित होता है। शरीर के अंदर कई तरह के हानिकारक प्रोटीन की अधिकता हो जाती है। जिससे गुर्दे, हृदय और फेफड़े खराब हो सकते हैं। गुर्दों से प्रोटीन निकलने लगता है। इस तरह के 'भयंकरÓ प्रोटीन की पड़ताल और उसकी काट की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज का मेडिसिन विभाग और आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञ मिलकर शोध कर रहे हैं। दिसंबर से जांच आरंभ हो गई है।

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किस तरह किया जा रहा शोध

एलएलआर अस्पताल (हैलट) में प्रोटीन डिस्चार्ज (पेशाब से प्रोटीन निकलना) की समस्या लेकर रोगी आते हैं। उनके खून, पेशाब और बायोप्सी की जांच जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की पैथोलॉजी में होती है, जबकि गुर्दे की बायोप्सी का एक सैंपल बीएसबीई विभाग की पैथोलॉजी में भी जाता है। यह विदेश की लैब से प्रमाणित है। अब तक कई सैंपल लिए जा चुके हैं।

शोध में शामिल विशेषज्ञ

गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ. समीर गोविल, आइआइटी के प्रो. अश्विनी कुमार, शोधार्थी श्रेया घोस मिलकर काम कर रहे हैं। इसमें सर्जरी विभाग का भी सहयोग लिया जा रहा है।

शरीर में सूजन आना सबसे बड़ा लक्षण

प्रोटीन डिस्चार्ज या शरीर में खतरनाक प्रोटीन के बनने का सबसे बड़ा लक्षण शरीर में सूजन आ जाती है। रोगी के उल्टी आना, बुखार और कमजोरी लगती है।

कब होता प्रोटीन डिस्चार्ज

डॉ. समीर गोविल के मुताबिक सामान्य व्यक्ति के यूरीन में बिल्कुल नहीं या फिर न के बराबर प्रोटीन होती है। कई बार खून में पाया जाने वाला प्रोटीन 'एल्बुमिनÓ किसी कारण से किडनी के रास्ते पेशाब से निकलने लगता है। इसकी जांच यूरीन टेस्ट से हो जाती है। बच्चों और बुजुर्गों में सबसे अधिक है। इसे ग्लोमेरुलर प्रोटीन यूरिया कहते हैं। दूसरी समस्या इम्यून मैकेनिज्म (प्रतिरक्षा तंत्र) में गड़बड़ी से होती है। इसमें एमाइलोयडोसिस, लाइट चेन प्रोटीन और मायलोमा प्रोटीन शामिल हैं।

एमाइलोयडोसिस - एमाइलोयड नाम का असामान्य प्रोटीन उत्तक और अंगों में जमा होने लगता है। जिससे शरीर के अंग खराब हो जाते हैं।

मायलोमा- मायलोमा कैंसर का ही एक रूप है। कोशिकाओं में असामान्य प्रोटीन की वजह से कैंसर की आशंका बढ़ जाती है।

लाइट चेन प्रोटीन- लाइट चेन प्रोटीन इम्यूनोग्लोबिलिन का ही हिस्सा है। इसकी अधिकता से शरीर में संक्रमण बढ़ जाता है।

चिकित्सक का ये है कहना

प्रोटीन डिस्चार्ज पर शोध से गुर्दा और दिल के रोगियों को काफी लाभ मिलेगा। अस्पताल में मरीज अत्याधिक गंभीर हालत में आते हैं। कई रोगियों में गुर्दे पूरी तरह से खराब हो चुके होते हैं।

-डॉ. रिचा गिरी, मेडिसिन विभागाध्यक्ष, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज  


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