वाहनों की बिना जांच दे रहे प्रदूषण मुक्त का प्रमाण, तीन केंद्रों के पंजीयन निरस्त
आरटीओ टीम ने छापेमारी के दौरान आनलाइन प्रदूषण जांच केंद्रों पर जांचे थे मानक । - विनायक
- आरटीओ टीम ने छापेमारी के दौरान आनलाइन प्रदूषण जांच केंद्रों पर जांचे थे मानक
- विनायकपुर, रेलबाजार में चल रहे केंद्रों पर मिली अनियमितता, अब नियमित होगी चेकिग
जागरण संवाददाता, कानपुर : पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए परिवहन विभाग ने प्रदूषण जांच केंद्रों का संचालन शुरू किया था। लेकिन अब इन केंद्रों पर मनमानी का खेल चल रहा है। केंद्र संचालक वाहनों का प्रदूषण जांचें बिना ही प्रमाणपत्र जारी कर रहे हैं। आरटीओ टीम ने विनायकपुर, रेलबाजार क्षेत्र में चल रहे तीन केंद्रों पर छापेमारी की। टीम ने तीनों केंद्रों के संचालकों से जवाब तलब कर व जांच रिपोर्ट बनाकर एआरटीओ प्रशासन को सौंप दी। आरटीओ की ओर से तीनों केंद्रों का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है। केंद्र का 10 हजार रुपये पंजीकरण शुल्क जब्त हो जाएगा।
अधिकारी ने बताया कि टीम ने विनायकपुर में सोमदेव पर्यावरण समिति व रेलबाजार में मेसर्स कार्तिक वेलफेयर सोसायटी, विनायकपुर में मेसर्स बालाजी पर्यावरण समिति के नाम पंजीकृत वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों पर छापेमारी की थी। इसमें विनायकपुर व रेलबाजार के केंद्रों पर टीम को आरपीएम टेकोमीटर उपकरण नहीं मिला और बालाजी पर्यावरण समिति के केंद्र पर कई दिनों से ताला लगा मिला। राज्य परिवहन विभाग की ओर से जिले में आनलाइन प्रदूषण जांच के लिए 130 केंद्रों को संचालन को अनुमति दी हुई है। अब इन केंद्रों पर नियमित तौर जांच करने का फैसला लिया गया है।
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आरटीओ के बाहर भी चल रहा मनमानी का खेल
शहर के बाहरी क्षेत्रों के साथ ही आरटीओ कार्यालय के बाहर भी संचालित केंद्रों पर मनमानी का खेल चल रहा है। कार्यालय से चंद कदम पर संचालित केंद्रों में 80 रुपये में बिना प्रदूषण जांचे वाहन मालिक को प्रदूषण मुक्त वाहन का प्रमाण दिया जा रहा है। एआरटीओ प्रशासन सुधीर कुमार वर्मा ने बताया कि आरटीओ के आसपास भी छापेमारी की जाएगी। अनियमितता मिलने पर संचालकों को बख्शा नहीं जाएगा।
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वर्जन :
अनियमितता मिलने पर की गई कार्रवाई
बिना जांच के वाहनों का प्रदूषण मुक्त प्रमाणपत्र जारी किए जाने की शिकायत मिली थी। जिस पर संज्ञान लेकर टीम को जांच करने के लिए भेजा गया। अनियमितता मिलने पर पंजीयन निरस्त किए गए हैं। अब नियमित तौर पर टीम को अलग अलग केंद्रों पर जाकर जांच करने के आदेश दिए हैं।
राजेश सिंह, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, कानपुर।