IIT Kanpur में प्रो. एस गणेश बने नए डिप्टी डायरेक्टर, जानें-क्या है उनका प्रोफाइल
आइआइटी के निदेशक प्रो. अभय करींदकर ने ट्वीट करके खुशी जताते हुए जानकारी साझा की।
कानपुर, जेएनएन। आइआइटी कानपुर को बुधवार को नया डिप्टी डायरेक्टर मिल गया। कार्यकाल पूरा कर चुके प्रो. मणींद्र अग्रवाल की जगह प्रो. एस गणेश ने कार्यभार संभाल लिया। उनके काम संभालने के बाद आइआइटी निदेशक प्रो. अभय करींदकर ने ट्वीट करके खुशी जताई और प्रो. गणेश की उपलब्धियां साझा कीं।
जानें- कौन हैं प्रो. एस गणेश
आइआइटी में वर्ष 2002 से आए प्रो. एस गणेश ने मद्रास यूनिवर्सिटी से वर्ष 1988 में बीएससी और वर्ष 1990 में एमएससी पास की थी। इसके बाद बनारस हिंदू यूनीवर्सिटी से 1996 में उन्होंने पीएचडी पूरी की थी। मौजूदा समय में वह आइआइटी कानपुर में डिपार्टमेंट ऑफ बायोलॉजिकल साइंस एंड बायो इंजीनियरिंग (बीएसबीई) के प्रोफेसर हैं और पहले विभागाध्यक्ष रह चुके हैं। इसके साथ उन्होंने यहां डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट की जिम्मेदारी भी संभाली है। प्रो. गणेश के निर्देशन में यहां पर कई शोध और पेटेंट भी हुए हैं। उन्होंने दूसरे प्रोफेसरों के साथ काफी शोध किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने न्यूरो बायोलॉजी ऑफ डिसआर्डर, स्ट्रेस बॉडी और मॉलीकुलर जैनेटिक्स पर भी काफी काम कर चुके हैं।
इस तरह हुआ उनका चयन
आइआइटी में डिप्टी डायरेक्टर पद का कार्यकाल तीन साल का होता है। इसके चलते प्रो. मणींद्र अग्रवाल का कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त हो रहा था। इसके चलते संस्थान के 50 से अधिक वर्तमान व पूर्व हेड के अलावा सभी डीन ने उनका डिप्टी डायरेक्टर पद के लिए चयन किया था। पहली अप्रैल को उन्हें प्रो. मणींद्र अग्रवाल की जगह कार्य संभालना था। इसके चलते बुधवार को उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया। प्रो. एस गणेश प्रो. गणेश के मुताबिक संस्थान में शोध कार्य और शैक्षणिक गुणवत्ता को और बढ़ाने के लिए काम करेंगे।
ट्वीट करके निदेशक ने जताई खुशी
आइआइटी के निदेशक प्रो. अभय करींदकर ने प्रो. एस गणेश के कार्यभार ग्रहण करने के बाद ट्वीट करके खुशी जताई है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंटर पर लिखा है- मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रो एस गणेश ने आज उप निदेशक के रूप में पदभार संभाला है। प्रोफेसर गणेश आर एंड डी के डीन और बीएसबीई के प्रमुख के रूप में अपने प्रशासनिक अनुभव रूपी धन लाए हैं। वह मॉलीकुलर जैनेटिक्स और न्यूरोसाइंस के क्षेत्र के निपुण शोधकर्ता हैं।