प्रोफेशनल कोर्स के छात्र अन्य फैकल्टी में नहीं कर सकते स्नातकोत्तर
जागरण संवाददाता कानपुर बीटेक बीसीए बीबीए व होटल मैनेजमेंट समेत अन्य प्रोफेशनल कोर्स स
जागरण संवाददाता, कानपुर: बीटेक, बीसीए, बीबीए व होटल मैनेजमेंट समेत अन्य प्रोफेशनल कोर्स से स्नातक कर रहे छात्र किसी दूसरी फैकल्टी से स्नातकोत्तर की पढ़ाई नहीं कर सकेंगे। उन्हें अपनी ही फैकल्टी के विषयों से स्नातकोत्तर करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा बीए के छात्र केवल उन्हीं विषयों से एमए कर सकेंगे जो विषय उनके स्नातक में रहे हैं। किसी अन्य विषय व प्रयोगात्मक विषयों से उन्हें स्नातकोत्तर में दाखिला नहीं मिलेगा। गुरूवार को हुई छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति की बैठक में यह निर्णय लिए गए। सत्र 2020-21 में प्रवेश के लिए कई छात्र छात्राओं ने दूसरे संकाय में दाखिले के लिए आवेदन फॉर्म भरकर उनमें प्रवेश मांगा था। कुलपति से लेकर कुलसचिव तक उन्होंने प्रवेश के लिए पत्र भी लिखे। यह सभी प्रकरण प्रवेश समिति की बैठक में रखे गए। इस पर प्रवेश समिति ने विचार करके यह फैसला किया कि जिन विषयों से बीए की डिग्री प्राप्त की है। उनमें से कोई एक विषय एमए में लिया जा सकता है लेकिन किसी नए विषय से एमए नहीं किया जा सकता। बीएसी व बीकॉम के छात्र चाहें तो बीए में प्रवेश ले सकते हैं लेकिन बीए के छात्रों पर यह फार्मूला लागू नहीं होता। इसके अलावा प्रवेश समिति की बैठक में यह फैसला भी हुआ कि स्नातक के मिलते जुलते विषयों से स्नातकोत्तर करने का निर्णय डीन करेंगे। यह ऐसे प्रकरण हैं जिसमें डीन यह तय कर सकते हैं कि नियमानुसार उनमें दाखिला दिया जा सकता है कि नहीं। ऐसे जटिल प्रकरणों का निस्तारण डीन करेंगे। विश्वविद्यालय के पास ऐसे छात्रों के आवेदन आए हैं जो बीएड करने के बाद एमए शिक्षाशास्त्र से करना चाहते हैं। इसके अलावा जीवन विज्ञान से स्नातकोत्तर करने की ख्वाहिश रखने वाले ऐसे कई छात्रों ने भी आवेदन किया है। कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में अकादमिक अधिष्ठाता प्रो. संजय स्वर्णकार, कुलसचिव प्रो. अनिल कुमार यादव के अलावा छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अंशु यादव, डॉ. दीपक वर्मा व डॉ. संदेश गुप्ता समेत अन्य सदस्य मौजूद रहे। तीन बार काउंसिलिग के बाद सामान्य वर्ग में बदल जाएंगी आरक्षित सीटें:
विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति में खाली सीटों पर भी चर्चा हुई। अभी कई प्रोफेशनल कोर्स में सीटें नहीं भर पाई हैं जिससे नया सत्र शुरू करना मुश्किल हो रहा है। परीक्षा समिति में यह निर्णय हुआ कि अगर तीन काउंसिलिग तक आरक्षित वर्ग की सीटों पर प्रवेश नहीं होते हैं तो जो सीटें खाली रह गई हैं उनमें सामान्य वर्ग के छात्र छात्राएं प्रवेश के लिए आवदेन कर सकेंगे। विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों में अब 30 तक प्रवेश:
विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों में प्रवेश का समय 10 दिन बढ़ा दिया गया है। पहले 20 नवंबर तक डब्ल्यूआरएन नंबर प्राप्त करके छात्र छात्राएं प्रवेश ले सकते थे अब यह समय सीमा बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गई है। कॉलेजों से पूछा कि बीसीआइ की मान्यता है कि नहीं: एलएलबी में प्रवेश के लिए कांउसिलिग कॉलेजों की सीटें तय होने के बार होगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कॉलेजों से पूछा है कि किन-किन कॉलेजों को बार काउंसिल ऑफ इंडिया 'बीसीआइ' से मान्यता मिल गई है। इसके अलावा कितनी सीटों की मान्यता मिली है। कॉलेज प्रशासन यह ब्यौरा विश्वविद्यालय को जल्द मुहैया कराए।