एससीएसटी कानून के विरोध में निकाला जुलूस, थाने में घुसे
खुद की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे सवर्ण स्वाभिमान समिति के सदस्य
जागरण संवादाता, कानपुर : एसएसटी एक्ट के कानून में किए गए संशोधन के विरोध में किए गए भारत बंद के आह्वान पर गुरुवार को सवर्ण स्वाभिमान समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों ने काले कपड़े पहनकर जुलूस निकाला। इसके बाद खुद को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर थाने के अंदर घुस गए।
सवर्ण स्वाभिमान समिति के सदस्य सुबह काले कपड़े पहन, हाथों में हथकड़ी डाल और गले में लोहे की जंजीर पहनकर जुलूस की शक्ल में घंटाघर चौराहे से निकले। ये जुलूस गुड़ मंडी, नयागंज से होते हुए कलक्टर गंज थाने पहुंचा और वहीं गिरफ्तारी की मांग को लेकर थाने के सामने सड़क पर बैठ गया। प्रदर्शन के साथ ही नारेबाजी शुरू हो गई। सभी पुलिस से खुद को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। करीब एक घंटा तक प्रदर्शन करने के बाद भी जब पुलिस ने उनको गिरफ्तार नहीं किया तो सभी थाने के अंदर घुस गए। जहां सीओ कलक्टरगंज के ज्ञापन लेने के बाद सभी लौट आए। समिति के संयोजक ज्ञानेश मिश्रा ने कहा कि नोएडा में रिटायर्ड कर्नल से मारपीट करने वाले एसडीएम की गिरफ्तारी की जाए। उन्होंने कहा कि एससीएसटी एक्ट में संशोधन किए जाने से इसका दुरुपयोग होगा और निर्दोष लोग भी फंस जाएंगे। इसलिए से संशोधन वापस लिया जाए, नहीं तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में मनीष, चंद्राकर दीक्षित, श्याम शुक्ला, सतीश गांधी, मो. कासिम आदि लोग रहे।
वहीं आगरा से चलकर 11 बजकर 12 मिनट पर पनकी स्टेशन पर पहुंची आगरा इंटरसिटी को इलाकाई लोगों ने रेलवे ट्रैक पर एकत्रित होकर रोक लिया। इस दौरान कुछ युवक ट्रेन के इंजन पर चढ़ कर नारेबाजी करने लगे। जिसे देख पनकी स्टेशन पर तैनात आरपीएफ चौकी प्रभारी अभिषेक कुमार यादव टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे। आरपीएफ की टीम ने इंजन पर कब्जा किए लोगों को समझा बुझाकर नीचे उतारा। वहीं लोगों से आम जनमानस को ध्यान में रखते हुए शातिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन की अपील की तो लोगों ने रेलवे ट्रैक को खाली कर दिया। विरोध प्रदर्शन के चलते 10 मिनट बाद ट्रेन कानपुर सेंट्रल के लिए रवाना हो गई।