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Ramayana Conclave से बिठूर में पर्यटकों को आकर्षित करने की तैयारी, कुछ इस तरह होगा आयोजन

रामायण कान्क्लेव के लिए चयनित प्रदेश के 16 नगरों में विभिन्न प्रकार के संस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पुराणिक महत्व का साक्षी कानपुर का बिठूर धाम पुरातन काल से ही रहा है। यहां सीता रसोई लवकुश आश्रम सीता कुंड स्वर्ण सीढ़ी सहित कई ऐसी प्राचीन स्मृतियां आज भी मौजूद हैं

By Akash DwivediEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 04:27 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 08:56 PM (IST)
Ramayana Conclave से बिठूर में पर्यटकों को आकर्षित करने की तैयारी, कुछ इस तरह होगा आयोजन
योजना की शुरुआत रामनगरी अयोध्या से शुरू होकर लखनऊ में संपन्न होगी

कानपुर (अंकुश शुक्ल)। भगवान श्रीराम महिमा से जन-जन को परिचित कराने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से पौराणिक आध्यात्मिक महत्व वाले 16 नगरों में रामायण कान्क्लेव कराने की योजना बनाई जा चुकी है। 24 जुलाई से सितंबर अंत तक चलने वाले रामायण कान्क्लेव से बिठूर के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को लोगों को बताने की तैयारी है। ताकि पर्यटक आकर्षित हों। सरकार के पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना की शुरुआत रामनगरी अयोध्या से शुरू होकर लखनऊ में संपन्न होगी।

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रामायण कान्क्लेव के लिए चयनित प्रदेश के 16 नगरों में विभिन्न प्रकार के संस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पुराणिक महत्व का साक्षी कानपुर का बिठूर धाम पुरातन काल से ही रहा है। यहां सीता रसोई, लवकुश आश्रम, सीता कुंड, स्वर्ण सीढ़ी सहित कई ऐसी प्राचीन स्मृतियां आज भी मौजूद हैं, जो उस प्रभु श्रीराम के परित्याग के बाद माता सीता के अस्तित्व को दर्शाती हैं। शहर से सटा बिठूर धाम लव-कुश की जन्म स्थली है। जन-जन तक प्रभु श्रीराम अस्तित्व को पहुंचाने के लिए आयोजित होने वाले रामायण कान्क्लेव में संगोष्ठी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, कला प्रदर्शनी तथा विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। जिसका प्रसार आनलाइन रूप से किया जाएगा। पर्यटन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नीलकंठ तिवारी ने प्रदेश के 16 नगरों में दो दिवसीय च्जन-जन में रामज् रामायण कान्क्लेव कराने की योजना बनाई थी।

इन कार्यक्रमों का होगा आयोजन : रामायण कान्क्लेव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ श्रीराम के जीवन पर आधारित नाटक, कठपुतली, गायन, वादन, नृत्य लोकसंगीत एवं कवि सम्मेलन व चित्रकला, मूॢतकला की प्रदर्शनी लगाई जाएगी तथा बच्चों में भगवान श्रीराम के जीवनदर्शन के प्रति अभिरुचि उत्पन्न करने के उद्देश्य से प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाएगा।

इन नगरों को किया गया रामायण कान्क्लेव के लिए चयनित : श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, चित्रकूट, श्रृंगवेरपुर, बिठूर (कानपुर), मथुरा, बरेली, मेरठ, ललितपुर, सहारनपुर, बलिया, बिजनौर, गढ़मुक्तेश्वर, गाजियाबाद और लखनऊ का चयन किया गया।

इनका ये है कहना

बिठूर में रामायण कान्क्लेव के आयोजन से बिठूर नगरी का महत्व जन-जन तक पहुंचेगा। रामायण कान्क्लेव में होने वाले विभिन्न प्रकार के आयोजन से लोगों पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और पौराणिक-आध्यात्मिक महत्व से रूबरू होंगे। अर्थ गंगा प्रोजेक्ट के बाद रामायण कान्क्लेव का मिलना पर्यटन के लिए बेहतर पहल है।

                                                                                   - अनुपम श्रीवास्तव, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी। 


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