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सामने आई स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत, तड़पती गर्भवती को ठिलिया पर लादकर पहुंचे सीएचसी

टोल फ्री नंबर 108 पर डॉयल करते रहे लेकिन एंबुलेंस नहीं आई।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 12:42 PM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 12:42 PM (IST)
सामने आई स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत, तड़पती गर्भवती को ठिलिया पर लादकर पहुंचे सीएचसी
सामने आई स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत, तड़पती गर्भवती को ठिलिया पर लादकर पहुंचे सीएचसी

कानपुर, जेएनएन। गर्भवती के लिए एंबुलेंस से लेकर अस्पताल तक विशेष सुविधाओं के दावे की हकीकत उस समय सामने आ गई जब प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को ठिलिया पर लादकर परिजन सीएचसी लाए। स्वजन टोल फ्री नंबर पर कॉल करते रहे पर फोन नहीं उठा और उन्हें एंबुलेंस मुहैय्या नहीं हो सकी। यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बिधनू लेकर आए तो स्ट्रेचर भी नहीं मिला, इसपर ठिलिया से ही लेबर रूम तक ले गए।

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टोलफ्री नंबर पर रिसीव नहीं हुई कॉल

बिधनू के खेसरा गांव निवासी गर्भवती लक्ष्मी शुक्रवार शाम प्रसव पीड़ा से बेहाल हो गई। उसके पति राजकुमार ने आशा कार्यकर्ता मंजू को फोन किया। आशा के पहुंचने के बाद गर्भवती को सीएचसी तक लेकर जाने के लिए एंबुलेंस मंगाने के लिए 108 नंबर डॉयल करते रहे, लेकिन टोलफ्री नंबर पर कॉल रिसीव नहीं हुई। उधर, लक्ष्मी की हालत बिगड़ती देख स्वजन ठिलिया पर लादकर ही सीएचसी के लिए चल पड़े। रास्ते में गर्भवती तड़पती रही। स्वजनों का आरोप है कि अस्पताल के इमरजेंसी गेट के बाहर स्ट्रेचर तक नहीं मिला। दर्द से बेहाल गर्भवती वहां तक चलकर जाने की स्थिति में नहीं थी। इसके चलते स्वजन उसे ठिलिया से ही लेबर रूम तक लेकर गए।

सीएचसी बिधनू के अधीक्षक डॉ. एसपी यादव का कहना है कि इमरजेंसी में हर वक्त स्ट्रेचर उपलब्ध रहती है। हो सकता है कि गर्भवती की स्थिति को देखते हुए कर्मचारियों ने उसे लेबर रूम तक ठिलिया से लेकर जाने की अनुमति दे दी हो। जानकारी हुई है, इसकी जांच कराएंगे।


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