कानपुर की प्रभा और अनीता समाज के लिए बनी मिशाल, महिलाओं को हुनरमंद बनाकर दे रहीं रोजगार
कानपुर की रहने वाली प्रभा और अनीता समाज का आईना बनकर उभरी हैं। इनकी आधार संस्था व प्रगति समाज कल्याण सेवा संस्था स्वावलंबन के विभिन्न कार्यक्रम चला रही है। संस्था गांवों में स्वयं सहायता समूहों का गठन कराने के साथ ही महिलाओं को विभिन्न ट्रेडों में दे रही हैं प्रशिक्षण।
कानपुर, जागरण संवाददाता। जनसंख्या नियोजन की सरकार की मुहिम को आधार देने में शारदा नगर की प्रभा सिंह और सिंहपुर की अनीता द्विवेदी भी जुटी हुई हैं। खुद की स्वयंसेवी संस्था बनाकर ये महिलाएं आर्थिक रूप से पिछड़ी महिलाओं को पहले हुनरमंद बनाती हैं और फिर उन्हें बैंकों से वित्तीय मदद दिलाकर उनकी बेरोजगारी को दूर करती हैं। इन स्वयंसेवी महिलाओं ने तीन हजार से अधिक महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, मूर्ति, मिट्टी के बर्तन, जेम, जेली, मुरब्बा, अचार, बेकरी के उत्पाद व विभिन्न तरह के खिलौने, चर्म उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया है।
राष्ट्रीय आजीविका मिशन योजना से चार हजार से अधिक स्वयं सहायता समूह बने हैं। इनमें काम करने वाली करीब 10 हजार महिलाएं आर्थिक रूप से समृद्ध हैं। वे विभिन्न तरह के रोजगार कर रही हैं। इनमें से डेढ़ सौ से अधिक समूहों के सदस्यों को प्रशिक्षित कर रही हैं आधार संस्था की प्रोग्राम कोआर्डिनेटर प्रभा सिंह तो दो सौ से अधिक समूहों की सदस्यों के लिए समृद्धि का आधार तैयार कर रही हैं प्रगति समाज कल्याण सेवा संस्थान की प्रबंधक अनीता द्विवेदी। प्रतापपुर हरी निवासी विनीता बाथम ने अनीता की प्रेरणा से मां तुलसी महिला स्वयं सहायता समूह का गठन किया है।
उनकी टीम की महिलाएं बेकरी उत्पाद के साथ ही अगरबत्ती उत्पाद बना रही हैं। उनके समूह ने डेढ़ साल में 12 लाख रुपये से अधिक रुपये के उत्पाद बनाए हैं और उसे बेचकर मुनाफा कमाया है। इसी तरह हींगूपुर निवासी सरोज और संतोष ने 10 महिलाओं के साथ आत्मनिर्भर महिला स्वयं सहायता समूह का गठन किया है। उन्हें अनीता ने खाद्य मसाला की पिसाई और उसकी पैकिंग का प्रशिक्षण दिया। अब ये महिलाएं बड़े पैमाने पर अपने उत्पाद बेच रही हैं। प्रभा सिंह के मुताबिक जाजमऊ की शहनाज बानो ने महक महिला स्वयं सहायता समूह बनाया है। उनकी समूह की महिलाएं चर्म उत्पाद बना रही हैं।