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कचहरी में वकीलों को नहीं लगानी पड़ेगी प्रधान डाकघर तक दौड़

दिन और तारीख पर मुहर लगना बाकी 2012-13 में डाकघर खत्म हो जाने से बढ़ीं समस्याएं।

By AbhishekEdited By: Published: Thu, 21 Mar 2019 12:03 AM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 10:52 AM (IST)
कचहरी में वकीलों को नहीं लगानी पड़ेगी प्रधान डाकघर तक दौड़
कचहरी में वकीलों को नहीं लगानी पड़ेगी प्रधान डाकघर तक दौड़
कानपुर, जागरण संवाददाता। कचहरी में जल्द ही डाकखाना खुलेगा। जिसके बाद वकीलों को बड़ा चौराहा स्थित प्रधान डाकघर तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। बार एसोसिएशन की पहल पर डाक विभाग इस कवायद में जुटा है। बात लगभग फाइनल हो चुकी है। अब सिर्फ दिन और तारीख तय होना शेष है।
कचहरी में पांच हजार से ज्यादा वकील रजिस्टर्ड हैं और वकालत करते हैं। वादकारियों के लिए दूसरे पक्षकारों को नोटिस, रजिस्ट्री के साथ ही कोर्ट से नोटिसें भेजी जाती हैं। ऐसे में प्रतिदिन कचहरी से हजारों की संख्या में नोटिसें स्पीड पोस्ट व रजिस्ट्री के माध्यम से भेजी जाती हैं। जिसके लिए अधिवक्ताओं को बड़ा चौराहा स्थित प्रधान डाकघर तक जाना पड़ता है।
छह वर्ष पहले था डाकखाना
2012-13 में तहसील स्थित डाकखाना खत्म से अधिवक्ताओं का काम हो जाता था। कुछ विवादों के चलते डाक विभाग ने डाकखाना हटा लिया।
पिछली कार्यकारिणी में शुरू हुई थी कवायद
डाकखाना कचहरी में लाने की कवायद बार एसोसिएशन की पिछली कार्यकारिणी ने शुरू की थी। संस्था के उपर स्थित हाल में डाकखाना खोलने की बात तय हुई है। इसके लिए जगह आवंटित हो चुकी है। तहसील में महज स्पीड पोस्ट और रजिस्ट्री बुक करने का काम होता था, लेकिन मौजूदा डाकखाना इसके साथ-साथ डाक विभाग की योजनाएं व दूसरी सुविधाएं भी देगा। इस संबंध में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्यामजी श्रीवास्तव ने बताया कि बड़ी संख्या में स्पीड पोस्ट और रजिस्ट्री होती है। डाक विभाग के अधिकारियों से 99 फीसद बात तय हो चुकी है। डाकखाना खुलने से वकीलों की बड़ी समस्या का हल हो जाएगा।  

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