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वायु प्रदूषण का आंखों पर हमला, खतरनाक गैसों से हो रही कई तरह की परेशानियां Kanpur News

लोगों को आंखों का पानी सूखने जलन दर्द खुजली लालिमा पलकों में सूजन जैसे लक्षण हो रह हैं।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 25 Dec 2019 10:13 AM (IST)Updated: Wed, 25 Dec 2019 10:13 AM (IST)
वायु प्रदूषण का आंखों पर हमला, खतरनाक गैसों से हो रही कई तरह की परेशानियां Kanpur News
वायु प्रदूषण का आंखों पर हमला, खतरनाक गैसों से हो रही कई तरह की परेशानियां Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। हवा में मौजूद हानिकारक गैसें और अति सूक्ष्म कण सिर्फ नाक, गला और फेफड़ों के लिए ही खतरनाक नहीं हैं, बल्कि आंखों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। अस्पतालों में काफी संख्या में ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनकी आंखों में जलन, दर्द, खुजली, लालिमा, पलकों में सूजन की समस्या है। कई रोगियों में आंख का पानी सूखने की दिक्कत भी आ रही है। नेत्र रोग विशेषज्ञ उन्हें दवाओं के साथ ही आंखों की देखभाल के निर्देश दे रहे हैं।

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बढ़ रहा आंखों का संक्रमण

धूल, मिट्टी और धूप को लेकर लोग अधिक संजीदा रहते हैं। वाहन चलाते समय चश्मा और हेलमेट का इस्तेमाल करते हैं। सर्दियों में इन उपायों को नजर अंदाज कर देते हैं, जिसका खामियाजा आंखों को उठाना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर हवा में पर्टिकुलेट मैटर (पीएम 10, पीएम 2.5, पीएम वन) का घनत्व मानक से कई गुणा अधिक है। यह सीधे आंखों के संपर्क में आकर उन्हें संक्रमित कर देते हैं। समस्या को नजर अंदाज करने से संक्रमण अधिक बढ़ जाता है।

दो पहिया वाहन चालकों को ज्यादा दिक्कत

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग की असिस्टेंट प्रो. पारुल सिंह ने बताया कि दूषित गैसों का घनत्व काफी है। इनके आंखों के संपर्क में आने पर नुकसान पहुंचाती हैं। सबसे अधिक दिक्कत दोपहिया वाहन चालकों को आ रही है। सर्दियों में लोग ब्लोअर और हीटर जलाकर बैठते हैं, जिसकी वजह से भी आंखों का पानी सूख रहा है। आंखों में सूखेपन की बढ़ी वजह वायु प्रदूषण है।

क्या करें और क्या न करें

  • चश्मा या हेलमेट लगाकर दोपहिया वाहन चलाएं।
  • डॉक्टर के परामर्श पर एंटी एलर्जिक ड्राप्स लें।
  • आंखों में जलन होने पर बिल्कुल न रगड़ें।
  • सिर्फ आरओ के पानी से ही आंखों को धोया जाए। 

अति प्रदूषित शहरों में नौवें नंबर पर कानपुर

वायुमंडल में हानिकारक गैसें खतरनाक स्तर पर पहुंच गई हैं। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) बेहद खराब स्थिति में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मंगलवार को आई रिपोर्ट दूषित गैसों का घनत्व नुकसानदायक स्तर पर पहुंचने का इशारा कर रही है। कानपुर का स्थान अति प्रदूषित शहरों की सूची में नौवां हो गया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. एसबी फ्रैंकलिन ने बताया कि सर्दी ज्यादा पडऩे से वायु प्रदूषण का स्तर भी अधिक हो गया है। कोहरे में घनत्व और हो जा रहा है।

अति दूषित शहरों की सूची

शहर                    एक्यूआइ

पटना                     431

नोएडा                    413

मुजफ्फरपुर            412

गाजियाबाद             398

गे्रटर नोएडा           386

दिल्ली                    383

फरीदाबाद              382

हावड़ा                    359

कानपुर                  348

वल्लभगढ़               338

हवा का हुआ खतरनाक स्तर

गैसें             अत्यधिक मात्रा

पीएम 2.5           444

एनओटू              132

एसओटू               33

(मात्रा माइक्रोग्राम पर मीटर क्यूब में है )


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