यशोदा बनकर एक साल से कलेजे के टुकड़े की तरह पाल रही थी बच्चा, पुलिस आई और छीन ले गई
बच्चा पाने के लिए मां अब पुलिस और बाल कल्याण समिति के चक्कर लगा रही है।
कन्नौज, जेएनएन। भगवान श्रीकृष्ण का लालन पालन करने वाली यशोदा मइया की तरह तालग्राम के एक गांव में भी एक मां कलेजे के टुकड़े की तरह एक बच्चे को पाल रही थी। लेकिन, पड़ोसियों की वजह से एक मां की गोद सूनी हो गई तो बच्चे के सिर मां का आंचल हट गया। घर आई पुलिस बच्चे को छीनकर ले गई और बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया। अब बिलखती मां अपने उस बच्चे को पाने के लिए दर-दर भटक रही है।
एक साल पहले स्टेशन पर मिला था बच्चा
तालग्राम के निकवा गांव में रहने वाली आरती करीब एक साल पहले कानपुर ट्रेन से गई थी। लौटते समय उसे शिवराजपुर रेलवे स्टेशन पर भूख से बिलखता बच्चा रोते हुए घूमता मिला था। उसने बताया कि बच्चे को रोता देखकर उसकी मामता जाग उठी। उसने स्टेशन पर रहने वाले लोगों से पूछा तो पता चला बच्चा वहां रहने वाली एक विक्षिप्त बेसहारा महिला का है। वो महिला उस बच्चे देखने में अक्षम थी। उसे और बच्चे को खाना भी लोग ही देते थे। वहां के लोगों से उसने बच्चा घर ले जाकर पालने की इच्छा जताई तो लोगों ने भी भविष्य देखते हुए हामी भर दी थी। इसपर वह बच्चे को घर ले आई और उसे गोलू के नाम से पुकारने लगी। करीब ढाई साल का गोलू जब बोलना सीखा तो वह आरती को मा पुकारने लगा। आरती भी उसे यशोदा बनकर लालन पालन करती रही लेकिन उसे क्या पता था कि श्रीकृष्ण की तरह गोलू भी उसे छोड़कर जाने वाला है।
एक झगडऩे ने सूनी कर दी गोद
आरती का झगड़ा सोमवार को पड़ोसियों से हो गया था। पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना देते हुए बताया कि आरती जिस बच्चे को पाल रही है, वो उसका नहीं है। वह उसे कहीं से लेकर आई थी। इसकी जानकारी होते ही पुलिस सक्रिय हो गई और गांव पहुंचकर पड़ताल करने पर मामले की पुष्टि हुई। आरती पूरी सच्चाई बताई तो पुलिस ने उससे चार वर्षीय गोलू को ले लिया। पुलिस की सूचना पर पहुंचे बाल कल्याण समिति के कोऑर्डिनेटर तनवीर अहमद पहुंचे और बच्चे को ले गए। अब आरती बच्चा पाने के लिए थाना और बाल कल्याण समिति जा रही है लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है। थाना प्रभारी विनोद मिश्रा ने बताया कि बच्चे के माता-पिता के बारे में जानकारी की जा रही है। फिलहाल बच्चे को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है।