Move to Jagran APP

बिकरू कांड में थानेदार विनय के इटावा निवासी कारखास को ढूंढ़ने में पुलिस अब भी नाकाम

इटावा से आया था विकास यादव नामक शख्स छर्रे लगने से हुआ था घायल पुलिस आज तक आरोपित को नहीं ढूंढ सकी जबकि गवाह बन सकता था दबिश के दौरान वह चौबेपुर के एक दारोगा व सिपाहियों के ही साथ विकास दुबे के घर की ओर जा रहा था

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 08:19 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 08:19 PM (IST)
बिकरू कांड में थानेदार विनय के इटावा निवासी कारखास को ढूंढ़ने में पुलिस अब भी नाकाम
पुलिस ने केस डायरी में उसके बयान तक नहीं लिखे हैं।

कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड के दिन दो जुलाई को चौबेपुर थाना प्रभारी विनय तिवारी के साथ मौजूद इटावा के विकास यादव नामक शख्स का पुलिस आज तक पता नहीं लगा सकी। वह विनय की कार में सिपाहियों को बैठाकर ले गया था। पुलिस ने केस डायरी में उसके बयान तक नहीं लिखे हैं। जबकि वह अहम गवाह बन सकता था। इटावा के रहने वाले विकास यादव को विनय तिवारी घटना वाली रात अपनी प्राइवेट कार का ड्राइवर बनाकर ले गया था। उसके साथ चार सिपाही भी गए थे। दबिश के दौरान वह चौबेपुर के एक दारोगा व सिपाहियों के ही साथ विकास दुबे के घर की ओर जा रहा था। अचानक फायरिंग होने पर वह भी दुबक गया था, लेकिन उसे भी छर्रे लगे थे। बाद में अस्पताल में जब उसे भर्ती कराया गया तो उसने पुलिस अधिकारियों को भी सिपाही बताकर तो कभी शिवराजपुर थाना प्रभारी का रिश्तेदार बताकर गुमराह रहने की कोशिश की थी। हकीकत सामने आई तो पता लगा कि वह विनय तिवारी का ही कारखास है। अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही वह गायब हो गया। पुलिस ने उसके बयान तक नहीं लिए। न ही ये जानने की कोशिश की गई कि वह पुलिस टीम के साथ दबिश पर क्यों गया था। जबकि वह जनता के बीच का अहम गवाह बन सकता था। 

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.