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पुलिस की वजह से आखिरी सफर में भी नहीं मिल सका अपनों का कंधा, घर वालों को दे दिया दूसरे का शव

भैरोघाट से घर लाने पर चेहरा देखा तो हुई जानकारी तब तक पुलिस बाकी शवों का करा चुकी थी अंतिम संस्कार।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 11:28 PM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 07:47 AM (IST)
पुलिस की वजह से आखिरी सफर में भी नहीं मिल सका अपनों का कंधा, घर वालों को दे दिया दूसरे का शव
पुलिस की वजह से आखिरी सफर में भी नहीं मिल सका अपनों का कंधा, घर वालों को दे दिया दूसरे का शव

कानपुर, जेएनएन। ग्वालटोली पुलिस की लापरवाही के चलते रविवार को एक परिवार अपने बेटे का अंतिम संस्कार नहीं कर सका। लावारिस में मिले शव को पुलिस पोस्टमार्टम के बाद भैरोघाट ले गई थी, जहां युवक के स्वजन पहुंचे तो उन्हें दूसरे व्यक्ति का शव थमा दिया गया। घर में जब स्वजन ने चेहरा देखा तो वह किसी और का था। इस पर उन्होंने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस ने पहुंचकर स्वजन को समझाया। शव का लावारिस में अंतिम संस्कार कराया गया। सीओ कर्नलगंज को जांच सौंपी गई है। वहीं पोस्टमार्टम में सिर पर चोट लगने से मौत की बात सामने आने पर स्वजन ने हत्या की आशंका जताई है।

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दो दिन पहले मिला लाल इमली के पास शव

ग्वालटोली थानाक्षेत्र में लाल इमली के पास शुक्रवार को 30 वर्षीय युवक का शव सड़क किनारे पड़ा मिला था। पुलिस ने कपड़ों की तलाशी ली, लेकिन ऐसी कोई वस्तु नहीं मिली, जिससे पहचान हो सके। पुलिस ने शव मच्र्युरी भिजवा दिया था। रविवार सुबह कर्नलगंज में छोटे मियां का हाता निवासी रुखशाना बेगम के बेटे मो. वकील, मो. कफील और मो. हफीज 13 मई से लापता अपने भाई अकील को ढूंढ़ते ग्वालटोली थाने पहुंचे और शव की फोटो देख भाई की पहचान की। इसके बाद पोस्टमार्टम हाउस पर गए तो पता लगा कि पांच लावारिस शव अंतिम संस्कार के लिए भैरोघाट ले जाए गए हैं।

किसी और का शव होने पर भड़के इलाके के लोग

स्वजन भैरोघाट पहुंचे तो तो सिपाहियों ने एक शव की ओर इशारा करते हुए कहा, ये ग्वालटोली का है, इसे ले जाइए। स्वजन शव घर ले आए। देर शाम अंतिम संस्कार की तैयारी होने लगी तो गुस्ल की रस्म के दौरान स्वजन ने देखा कि शव किसी और का था। इसके बाद इलाके के लोग भड़क उठे। अकील के मौसा शमीम ने बताया कि अकील 13 तारीख से लापता था। 14 को गुमशुदगी भी लिखाई थी। 15 मई को शव मिला तो पुलिस ने कोई सूचना नहीं दी। आरोप लगाया कि भैरोघाट पर पुलिस ने शव दिखाया और जब इन्कार किया कि यह शव अकील का नहीं है तो उसे जबरन दे दिया। दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

इनका ये है कहना

स्वजन ने खुद भैरोघाट जाकर शव की शिनाख्त की थी और उसे घर ले आए थे। घर लाने के बाद स्वजन ने शव किसी और का होने की जानकारी दी। शव को वापस भैरोघाट भिजवाकर अंतिम संस्कार करा दिया गया। स्वजन ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है, जांच की जा रही है।-अजीत कुमार रजक, सीओ कर्नलगंज 


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