घाटमपुर में आधी रात तीन कंटेनरों से बरामद किए 50 गोवंश, तस्कर फरार Kanpur News
राजस्थान के गिरोह के सदस्यों ने करीब ढाई सौ गोवंश बांध रखे थे।
कानपुर, जेएनएन। गोवंश की सुरक्षा व संरक्षा मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता में है और गोवंश तस्करी में लिप्त गिरोह पर रासुका तामील करने तक के आदेश हैं। लेकिन, जमीनी हकीकत इससे इतर है। घाटमपुर क्षेत्र में कई दिनों से राजस्थानी तस्कर गिरोह करीब ढाई सौ गोवंश लेकर डेरा डाले रहा लेकिन पुलिस आंखें मूंदे रही। ग्रामीणों की सूचना पर सोमवार रात पुलिस ने करीब तीन कंटेनरों में लदे पचास गोवंश बरामद किए, जबकि एक भी तस्कर हाथ नहीं लगा।
राजस्थानी वेशभूषा वाले 50-60 सदस्यीय गिरोह आसपास के गांवों से गोवंश को पकड़ कर गांव ककरहिया स्थित ईंट भ_ा के समीप एकत्र कर रहा था। गिरोह ने शक से बचने के लिए महिलाएं व बच्चे भी रखे हुए थे और सदस्यों के पास तीन बाइक भी थी। दस जनवरी तक करीब ढाई सौ गोवंश एकत्र देखकर ग्रामीणों को खटका था। 11 जनवरी को ककरहिया ग्राम प्रधान अनिल यादव ने पतारा चौकी में शिकायती पत्र दिया था। राजस्थानी गिरोह की गतिविधियों पर नजर रखे कई ग्रामीणों ने बंधे गोवंश की फोटो भी खींची।
सोमवार आधी रात तीन कंटेनरों में गोवंश लादे जाते देख ग्राम प्रधान ने 112 नंबर डायल कर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पीआरवी 0455 पहुंची तो गोवंश तस्कर गिरोह के सदस्य व चालक भाग निकले। सूचना पर प्रभारी निरीक्षक व पतारा चौकी प्रभारी भी पहुंचे और तीन कंटेनरों में लदे 50 गोवंश बरामद किए। प्रभारी निरीक्षक ज्ञान सिंह के मुताबिक गोवंश की तादाद 50 के करीब होगी और इतने ही मुक्त किए गए हैं।
गोवंश तस्करी में पश्चिमी उप्र का गिरोह पर शक
पुलिस ने मौके से तीन कंटेनर बरामद किए हैं, अगर उनकी नंबर प्लेटों पर दर्ज नंबरों पर भरोसा करें, तो जहां दो का पंजीकरण मुरादाबाद जिले का है, जबकि एक कंटेनर में उत्तराखंड की नंबर प्लेट लगी है। इससे आशंका है कि राजस्थानी लोगों को आगे करके क्षेत्र से निराश्रित मवेशियों को एकत्र कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बूचड़खाने में ले जाने की योजना थी। पुलिस अधिकारी भी गोवंश तस्करी के पीछे संगठित गिरोह के होने की बात से इनकार नहीं कर रहे हैं लेकिन कुछ भी खुल कर बोलने से परहेज करते नजर आ रहे हैं।