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कानपुर में अब हर एसीपी के कार्यालय में ही लगेगी कोर्ट, न्याय के लिए नहीं लगाने होंगे पुलिस लाइन के चक्कर

कानपुर में ग्रामीण क्षेत्रों के थानों होने वाली कार्रवाईयों को ध्यान में रखकर पुलिस आयुक्त ने नया फैसला लिया है इस फैसले के अंतर्गत अब हर एसीपी के कार्यालय में कोर्ट लग सकेगी। यह नई व्यवस्था 15 दिनों में लागू हो जाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Ekantar GuptaPublished: Sat, 26 Nov 2022 08:35 PM (IST)Updated: Sat, 26 Nov 2022 08:35 PM (IST)
कानपुर में अब हर एसीपी के कार्यालय में ही लगेगी कोर्ट, न्याय के लिए नहीं लगाने होंगे पुलिस लाइन के चक्कर
कानपुर में अब हर एसीपी के कार्यालय में लगेगी कोर्ट।

कानपुर, जागरण संवाददाता। कमिश्नरेट पुलिसिंग में पुलिस अधिकारियों को मजिस्ट्रेट की शक्तियां मिली हुई हैं। जब तक कमिश्नरेट का कार्यक्षेत्र केवल महानगर में था, तब तक पुलिस लाइन में कोर्ट लगती रही है, मगर कानपुर आउटर के रूप में ग्रामीण क्षेत्र शामिल होने के बाद पुलिस कोर्ट की व्यवस्था में बदलाव होने जा रहा है। अब हर एसीपी अपने कार्यालय में ही कोर्ट लगाएगा। यह इसलिए ताकि ग्रामीणों को मुख्यालय तक आन-जाने की समस्या का सामना न करना पड़ा। पुलिस आयुक्त के मुताबिक आने वाले पंद्रह दिनों में नई व्यवस्था के साथ कोर्ट का कामकाज शुरू हो जाएगा।

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कमिश्नरेट में पुलिस आयुक्त, संयुक्त पुलिस आयुक्त, अपर पुलिस आयुक्त, डीसीपी, एडिशनल डीसीपी और एसीपी स्तर के अधिकारियों को न्यायिक शक्तियां मिली हुई हैं। वैसे तो व्यवस्था यही है कि हर अधिकारी की कोर्ट अलग-अलग होगी, मगर अभी तक पुलिस लाइन स्थित अस्थायी कोर्ट में ही कामकाज हो रहा था। मगर, अब कानपुर आउटर के ग्रामीण थाने भी कमिश्नरेट का हिस्सा हो गए हैं तो ऐसा माना गया कि आरोपितों को काफी दूर से पुलिस लाइन लाना पड़ेगा। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड ने निर्देश दिए हैं कि अब सभी एसीपी अपने ही कार्यालय में कोर्ट लगाकर सुनवाई करेंगे। पुलिस आयुक्त ने बताया कि पंद्रह दिनों में सभी एसीपी कार्यालयों में कोर्ट लगनी शुरू हो जाएगी।

एसीपी करते हैं शांति व्यवस्था से जुड़े मामलों की सुनवाई

कमिश्नरेट में एसीपी स्तर के अधिकारी आइपीसी की धारा 151 और सीआरपीसी 107/16 के तहत सुनवाई करते हैं। 151 में शांति भंग में चालान और 107/16 में बंध पत्र लेकर निरुद्ध किया जाता है। एडिशनल डीसीपी और डीसीपी स्तर के अधिकारी सीआरपीसी की धारा 133 यानी रास्ता अवरुद्ध करना और 145 यानी विवादित संपत्तियों के मामलों में सुनवाई करते हैं। इससे ऊपर के अधिकारियों के पास गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, जिला बदर आदि मामलों की सुनवाई का अधिकार है।

कार्यालयों में आंशिक बदलाव

कमिश्नरेट के पुनर्गठन के बाद गोविंद नगर सर्किल समाप्त हो गया है, जबकि चकेरी, पनकी और नौबस्ता तीन नए सर्किल बने हैं। नई व्यवस्था के तहत चकेरी के एसीपी का कार्यालय कुलगांव चौकी के पास बना है, जबकि पनकी एसीपी का कार्यालय एमआइजी चौकी में स्थित है। वहीं गोविंदनगर एसीपी कार्यालय में एसीपी बाबूपुरवा, एसीपी बाबूपुरवा वाले कार्यालय में एसीपी नौबस्ता बैठेंगे। अन्य एसीपी के कार्यालय पूर्ववत रहेंगे।  


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