बांदा में पकड़ा गया ऐसा गिरोह जो केरल और पंजाब में बेचता था सूअर के मांस का अचार
संगठित गिरोह बनाकर काम दो हजार रुपये किलो में होती थी बिक्री। जंगली सूअरों के शिकार में गिरफ्तार तीन शिकारियों का मामला। गिरोह के कुछ और लोगों के नाम भी सामने आए हैं जिन्हें पकडऩे के लिए जाल बिछाया गया है।
कानपुर, जेएनएन। जंगली सूअरों का शिकार करने वाले आरोपित उनके मांस का अचार बनाकर महंगे दामों में केरल और पंजाब में बेचते थे। उनका संगठित गैंग है, जिसमें सबकी अलग-अलग भूमिका थी। दो हजार रुपये प्रति किलो में बिक्री होती थी।
नौ सौ प्रतिकिलो के हिसाब से बिकता है जंगली सूअर का मांस
उप प्रभागीय वन अधिकारी एमपी गौतम ने बताया सोमवार को पूछताछ के दौरान आरोपितों ने बताया कि जंगली सूअर का मांस आमतौर पर नौ सौ रुपये प्रतिकिलो बिकता है, लेकिन वो लोग छतरपुर में मांस का अचार बनाकर दो हजार रुपये प्रतिकिलो तक में पंजाब और केरल आदि जगहों पर सप्लाई करते थे। गिरोह के कुछ और लोगों के नाम भी सामने आए हैं, जिन्हें पकडऩे के लिए जाल बिछाया गया है। बताया कि वन क्षेत्राधिकारी श्यामलाल, रक्षक कमलेश कुमार और दारोगा हरीकांत ने आरोपितों की गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाई।
कई धाराओं में पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
रविवार देर रात वनरक्षक कमलेश की तहरीर पर तीनों आरोपितों के विरुद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा नौ, अवैध शिकार व बरामदगी, मांस की बिक्री करकेलाभ कमाने, वन क्षेत्र में बिना अनुमति प्रवेश करने आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। सभी आरोपितों को सोमवार को जेल भेज दिया गया। सीज की गई जायलो को विभाग जब्त करेगा। उल्लेखनीय है कि जिले के गिरवां थानांर्गत ग्राम बहादुरपुर स्योढ़ा जंगल से वन विभाग की टीम ने जंगली सूअरों का शिकार करने के मामले में छतरपुर मध्यप्रदेश जिले के ग्राम टटम महराजपुर निवासी राघवेंद्र प्रताप, जमुना प्रसाद व राजू कुशवाहा को 29 नवंबर को गिरफ्तार किया था। उनके पास से बोरों में भरा दो जंगली सूअरों का करीब एक ङ्क्षक्वटल मांस बरामद हुआ था।
शिकार में विस्फोटक का करते थे इस्तेमाल
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गए आरोपित जंगली जानवरों का शिकार करने में विस्फोटक का इस्तेमाल करते थे। सुतली बम बनाकर उसमें मांस लगाते थे। जंगली जानवर के मांस खाने पर बम फटते ही उसकी मौत हो जाती थी।