सीटेट प्रश्नपत्र आउट कराने वाले कॉलेज प्रबंधक समेत दो गिरफ्तार, प्रयागराज के नेता की तलाश
एसटीएफ लखनऊ की लीड पर कानपुर की टीम ने आरोपितों को पकड़ा है।
कानपुर, जेएनएन। यूपी एसटीएफ ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) का प्रश्नपत्र आउट कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर जालौन के बीटीसी कॉलेज के प्रबंधक धीरज द्विवेदी उर्फ कृष्ण गोपाल और छात्र चंद्रपाल उर्फ जीतू को गिरफ्तार किया है। दोनों खुद भी परीक्षा देने चकेरी आए थे। आरोपितों के पास प्रवेशपत्र, वाट्सएप पर आया संभावित प्रश्नपत्र और नकदी बरामद की गई है। गिरोह के मुख्य सरगना प्रयागराज के बीटीसी संघ के नेता व उसके साथी की तलाश की जा रही है। सोमवार को एसटीएफ की तहरीर पर चकेरी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपितों को जेल भेज दिया।
रविवार को शहर में करीब 88 केंद्रों पर परीक्षा हुई थी। शनिवार को एसटीएफ लखनऊ को सूचना मिली थी कि जालौन का एक गैंग प्रश्नपत्र आउट कराने में लगा है। परीक्षा होने से पूर्व लखनऊ यूनिट ने कानपुर की टीम से संपर्क कर बताया कि गिरोह वाट्सएप के जरिए प्रश्नपत्र बेच रहा है। एसटीएफ कानपुर यूनिट चकेरी पहुंची लेकिन कोई नहीं मिला। रात में फिर सूचना आई कि गिरोह के सदस्य प्रश्नपत्र आउट कराने के बाद छात्रों से वसूली करने के लिए रुके हैं। तब टीम ने चकेरी पुलिस के साथ रामादेवी सब्जी मंडी के पास से जालौन के गणेशनगर गांव निवासी धीरज द्विवेदी उर्फ कृष्ण गोपाल और जालौन के ही गालमपुरा गांव निवासी चंद्रपाल उर्फ जीतू को गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ के प्रभारी निरीक्षक घनश्याम यादव ने बताया कि आरोपित धीरज के चाचा का जालौन में पंडित परशुराम द्विवेदी महाविद्यालय है। वह प्रबंधक और बीटीसी विभाग का एचओडी भी है। कुछ माह पूर्व प्रयागराज के बीटीसी संघ के नेता आलोक सेंगर व साथी प्रिंस से उसकी मुलाकात हुई थी। आलोक ने ही प्रश्नपत्र आउट कराकर देने के बदले पांच लाख रुपये की मांग की। सौदा तय होने पर धीरज ने कॉलेज के छात्र जीतू की मदद से कई छात्रों से 25-25 हजार रुपये में सौदा तय किया था।
87 हजार रुपये दिए तो बताए पांच प्रश्न
धीरज ने बताया कि आलोक को उसने फोन पे एप व अन्य माध्यम से 87 हजार रुपये दिए। 40 हजार रुपये तो सात तारीख को ही दिए थे। तब उसने वाट्सएप नंबर पर एक पुराना मॉडल प्रश्नपत्र भेजा और रविवार सुबह पांच प्रश्न व उनके जवाब भी नोट कराए थे। वही पांच प्रश्न परीक्षा में आए थे। पेपर के सारे प्रश्न आलोक ने शायद इस वजह से नहीं भेजे क्योंकि धीरज ने पूरी रकम नहीं दी थी।
आरोपितों से यह हुआ बरामद
टीम ने आरोपितों के पास से दो मोबाइल, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आइडी, सीटेट प्रवेशपत्र, 21 पन्नों की प्रश्नोत्तरी व 4450 रुपये बरामद किए। कार्यवाहक थाना प्रभारी वीरेंद्र बहादुर ने बताया कि जालसाजी, धोखाधड़ी आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कर धीरज व चंद्रपाल को जेल भेजा गया है। गिरोह के मुख्य सरगना आलोक और ङ्क्षप्रस की तलाश जारी है।
अलग-अलग केंद्रों में दी थी परीक्षा
पुलिस के मुताबिक आरोपित चंद्रपाल की परीक्षा एयरफोर्स कॉलेज चकेरी में हुई थी। वहीं धीरज का परीक्षा केंद्र सुपर इंटरनेशनल स्कूल था। रविवार सुबह एसटीएफ दोनों स्कूलों में भी पहुंची थी लेकिन आरोपित नहीं मिले। रात में पकड़े जाने के बाद दोनों गुमराह करते रहे।