100 करोड़ की ठगी में पीयर्स इंडिया कारपोरेशन के दो कार्यकारिणी सदस्य गिरफ्तार
कंपनी के निदेशक आलोक त्रिपाठी को जून में जेल भेजा गया था।
कानपुर, जेएनएन। करोड़ों की ठगी कर तीन वर्ष पूर्व शहर से कारोबार समेटने वाली कंपनी पीयर्स इंडिया कारपोरेशन के दो कार्यकारिणी सदस्यों महेश मिश्रा और विष्णुकांत द्विवेदी को पुलिस ने लखनऊ में दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। देर रात पुलिस दोनों को शहर लाई और कंपनी में शामिल अन्य पार्टनर व सहयोगियों के बारे में पूछताछ शुरू की। मंगलवार को उन्हें जेल भेजा जाएगा। इससे पूर्व पुलिस कंपनी के निदेशक आलोक त्रिपाठी को जेल भेज चुकी है।
इस तरह बनाया लोगों को शिकार
चौबेपुर के भगवंतपुर गांव निवासी 'नटवरलाल' आलोक त्रिपाठी ने अपने भाई आशीष, चाचा विष्णुकांत त्रिपाठी समेत 12 व्यक्तियों के साथ मिलकर वर्ष 2009 में माल रोड पर तीन कंपनियां खोली थीं। पीयर्स इंडिया कारपोरेशन में रीयल एस्टेट के नाम पर निवेश कराया और बाकी कंपनियों पीयर्स क्रेडिट व पीयर्स एलाइड के जरिए रकम दोगुनी करने व शेयर मार्केट में रकम लगाने के नाम पर निवेशकों से पैसा बटोरा था। 20 फीसद के मोटे कमीशन पर एजेंट भी नियुक्त किए थे। वर्ष 2016 में आरोपित कंपनी दफ्तर बंद कर गायब हो गए। तब एजेंटों ने हरबंशमोहाल थाने में तीन मुकदमे लिखाए थे।
100 करोड़ से ज्यादा की ठगी के मामले
शहर में आरोपितों ने निवेशकों से करीब 50 करोड़ रुपये जमा कराए थे। यूपी के चंदौली, बनारस, मुरादाबाद, बरेली आदि शहरों में और गुजरात के बडोदरा, सूरत, राजस्थान के चित्तौडग़ढ़, जयपुर, मध्यप्रदेश व दिल्ली में भी निवेशकों से जमा कराई गई रकम मिलाकर ठगी गई कुल धनराशि 100 करोड़ रुपये से ज्यादा होने का अनुमान लगाया गया था।
आर्थिक अपराध शाखा के पास जांच
इसी वर्ष जून में पुलिस ने कंपनी निदेशक आलोक त्रिपाठी को ग्वालटोली से गिरफ्तार कर जेल भेजा था। सीओ कलक्टरगंज श्वेता यादव ने बताया कि करोड़ों की ठगी का मामला होने के चलते दो मुकदमों की जांच आर्थिक अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दी गई है। लेकिन एक मुकदमे में अभी हरबंशमोहाल थाने से जांच हो रही है। इसी केस में बिधनू स्वर्णजयंती विहार निवासी कार्यकारिणी सदस्य महेश मिश्रा व आलोक के मौसेरे भाई लखनऊ आशियाना निवासी विष्णुकांत द्विवेदी को गिरफ्तार किया गया है।
इन आरोपितों की तलाश
मामले में अभी चौबेपुर निवासी आलोक का भाई चौबेपुर निवासी आशीष, चाचा विष्णुकांत त्रिपाठी, गोविंदनगर निवासी एडवोकेट सोभनाथ गुप्ता, नौबस्ता निवासी रामशंकर मिश्रा, बिठूर निवासी रामचंद्र की तलाश जारी है। सीओ ने बताया कि महेश इन दिनों लखनऊ के एक मंदिर में पुजारी बनकर रह रहा था।