लखनऊ और दिल्ली की राह आसान करेगा एक्सप्रेस-वे, जानें-बुंदेलखंड को क्या-क्या होगा फायदा
चित्रकूट से शुरू होकर 296 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे इटावा के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा।
चित्रकूट, जेएनएन। पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वोटों से भाजपा की झोली भरने वाले बुंदेलखंड को सरकार ने 'रिटर्न गिफ्ट' दिया है। इस क्षेत्र को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की बड़ी सौगात दी गई है, 296 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट से शुरू होगा, जो बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन होते हुए इटावा के कुदरौल गांव के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे आगरा के कुबेरपुर में आगरा-नोएडा यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ा है। एक्सप्रेसवे के बनने के बाद बुंदेलखंड की सीधी रोड कनेक्टिविटी लखनऊ और दिल्ली से हो जाएगी।
दिल्ली पहुंचने में लगेंगे महज पांच घंटे
उत्तरप्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि अभी चित्रकूट से दिल्ली जाने में लगभग 12 घंटे का समय लगता है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनने के बाद लगभग 690 किलोमीटर का यह सफर महज पांच घंटे में पूरा किया जा सकेगा।
समानांतर विकसित होगा औद्योगिक गलियारा
एक्सप्रेसवे के साथ ही बुंदेलखंड डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसी बड़ी परियोजना में भी शामिल है। इस क्षेत्र के झांसी और चित्रकूट में रक्षा उत्पादन इकाइयों की स्थापना की जमीन सरकार ने तैयार की है। यूपीडा सीईओ का मानना है कि एक्सप्रेसवे बनने के बाद बुंदेलखंड विकास की मुख्यधारा में होगा। इस क्षेत्र में निवेश करने को उद्यमी आकर्षित होंगे। एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर औद्योगिक गलियारा बनाया जाएगा। इससे अब तक पिछड़े रहे इस क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या भी खत्म होगी।
15 हजार करोड़ आएगी लागत
296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, ओरैया और इटावा जिलों को लाभ मिलने की उम्मीद है। 14849.09 करोड़ की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड क्षेत्र को सड़क मार्ग के जरिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जोड़ेगा। 296.070 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे अभी चार लेन का होगा। भविष्य में इसे छह लेन तक विस्तारित किए जाने की योजना है।
95 फीसदी भूमि का अधिग्रहण
एक्सप्रेसवे बनने से दिल्ली तक की दूरी कम होगी जिससे डीजल और पेट्रोल की खपत घटने से प्रदूषण भी घटेगा। इसके लिए अब तक 95 फीसदी से अधिक भूमि का अधिग्रहण भी हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन के मद्देनजर वहां हो रही तैयारियों का जायजा लेने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद चित्रकूट गए थे। नीति आयोग ने कायाकल्प के लिए उत्तर प्रदेश के जिन 8 जिलों को चुना है, उनमें चित्रकूट भी शामिल है।
प्रदेश के जिलों से जोड़ेगा एक्सप्रेस-वे
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे चित्रकूट के भरतकूप से इटावा होकर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर कुदरैल के पास मिलेगा। इससे बुंदेलखंड का जुड़ाव यमुना एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से होगा। दूसरे जिलों तक पहुंच आसान होगी। भविष्य में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, प्रयागराज एक्सप्रेस-वे के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुडऩे पर पूरे प्रदेश में एक्सप्रेस-वे फर्राटेदार और सुगम सफर का साधन बनेंगे।
जानें- एक नजर में पूरी परियोजना
- कुल लंबाई : 296.070 किलोमीटर
- लाभान्वित जिले : चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, इटावा।
- ढांचा : चार लेन चौड़ा (छह लेन में विस्तारीकरण), चार रेलवे ओवरब्रिज, 14 बड़े पुल, चार टोल प्लाजा, सात रैंप प्लाजा, 268 छोटे पुल, 18 फ्लाईओवर और 214 अंडरपास।
- लागत : 14849.09 करोड़ रुपये
- अधिग्रहीत भूमि : 95.46 फीसद
इन शहरों से जुड़ेगा बुंदेलखंड
- लखनऊ, दिल्ली, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, मथुरा-वृंदावन और नोएडा-ग्रेटर नोएडा।
- यह नदियां पड़ेंगी : बागे, केन, श्यामा, चंद्रावल, बिरमा, यमुना, बेतवा व सेंगुर।
छह पैकेज और निर्माण का 36 माह अनुमानित समय
1-चित्रकूट के गोंड़ा से बांदा के मनोखर तक 50.49 किलोमीटर।
2-बांदा के मनोखर से महोबा के कौहारी तक 50.300 किलोमीटर।
3-महोबा के कौहारी से हमीरपुर के ब्रोलीखरका तक 49 किमी।
4- हमीरपुर के ब्रोलीखरका से जालौन के सालाबाद तक 51 किलोमीटर।
5-जालौन के सालाबाद से औरैया के बखरिया तक 50 किलोमीटर।
6-औरैया के बखरिया से इटावा के कुदरैल तक 42.280 किलोमीटर।
एक्सप्रेस-वे से होंगे यह फायदे
- बुंदेलखंड का विकास होगा। वाहनों में ईंधन खपत कम व प्रदूषण घटेगा।
- कृषि, वाणिज्यिक, पर्यटन और उद्यमिता के लिए राह आसान होगी।
- उत्पादन इकाइयों के लिए औद्योगिक कॉरिडोर का विकास किया जाएगा।
- हैंडलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, मंडी, भंडारण गृह व दुग्ध उद्योग लगेंगे।
- बुंदेलखंड के 138, इटावा व औरैया के 44 गांवों का सीधा जुड़ाव।
- औद्योगिक प्रशिक्षण इंस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान खुलने में आसानी।