'लुट' गई एक चौथाई शहर की 'जलराशि'
जलसंकट के मुहाने की ओर तेजी से बढ़ रहे शहर के खिसकते भूगर्भ जलस्तर का हाल इस बात का इशारा है कि अभी न चेते तो भविष्य प्यासा ही रह जाएगा। शहर में जल संरक्षण से ज्यादा पानी का दोहन ज्यादा है। कोई आज से नहीं बल्कि वर्षो से। इसी का गंभीर परिणाम है कि आज करीब एक चौथाई शहर की जलराशि दोहन में लुट चुकी है। भूगर्भ जलस्तर लगातार खिसक रहा है।
जागरण संवाददाता, कानपुर :
जलसंकट के मुहाने की ओर तेजी से बढ़ रहे शहर के खिसकते भूगर्भ जलस्तर का हाल इस बात का इशारा है कि अभी न चेते तो भविष्य प्यासा ही रह जाएगा। शहर में जल संरक्षण से ज्यादा पानी का दोहन ज्यादा है। कोई आज से नहीं बल्कि वर्षो से। इसी का गंभीर परिणाम है कि आज करीब एक चौथाई शहर की जलराशि दोहन में लुट चुकी है। भूगर्भ जलस्तर लगातार खिसक रहा है। कल्याणपुर, नौबस्ता, शिवराजपुर, घाटमपुर, शास्त्री नगर, किदवई नगर आदि जैसे बड़े इलाके डार्क जोन की श्रेणी में शामिल हो गए हैं।
अन्य इलाकों की बात करें तो जल दोहन की बढ़ती गति से वहां के भी हालात अच्छे नहीं। संकेत गंभीर हालात के हैं। जल संरक्षण से ज्यादा जल दोहन में लोगों की सक्रियता इन इलाकों को भी कल डार्क जोन पहुंचा सकती है। डार्क जोन वाले इलाकों की हालत जरा देख लें। तेजी से गिर चुके भूगर्भ जलस्तर के चलते भूगर्भ जल विभाग ने इन इलाकों में बो¨रग प्रतिबंधित कर दी है। कल्याणपुर के कई मोहल्लों में औसतन एक मीटर तक पानी कम हो गया है। यही हाल डार्क जोन में शामिल अन्य इलाकों का भी है। वर्ष 2017 के अगर आंकड़ों से तुलना करें तो कानपुर में औसतन एक से लेकर 65 सेंटीमीटर तक जमीन के पानी में गिरावट आई है, जो चिंता का विषय है।
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अतिदोहित श्रेणी के क्षेत्र
क्षेत्र 2014 2015 2016 2017
कल्याणपुर प्री 12.45 13.35 14.60 15.70
कल्याणपुर पोस्ट 11.61 13.35 14.45 14.90
घाटमपुर प्री 29.05 29.65 31.15 32.40
घाटमपुर पोस्ट 28.95 29.05 30.50 31.60
पतारा प्री 25.45 27.30 31.10 33.20
पतारा पोस्ट 23.20 26.30 29.82 32.17
(जल स्तर की मात्रा मीटर में है। )
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इन क्षेत्रों में भी गहराया संकट
क्षेत्र प्री पोस्ट
कृषि भवन, रावतपुर 28.80 29.25
एनएसआइ 19.00 19.10
कमिश्नर ऑफिस 27.75 27.85
गोपाल नगर 19.03 19.25
नौबस्ता 45.5 45.6
जेडीसी कार्यालय 29.77 30.5
चौबेपुर 9.28 10.50
बिल्हौर 13.20 13.26
घाटमपुर 33.00 33.25
(जल स्तर की मात्रा मीटर में है। )
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जल स्तर बनाए रखने के लिए क्या करें
- वर्षा जल संचयन प्रणाली
- सरकारी भवनों पर रूफ टॉप वर्षा जल संचयन प्रणाली
- जल संचयन एवं भूजल रिचार्ज की योजना
- अतिदोहित क्षेत्रों की निगरानी
- जन जागरूकता
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नहीं सही हुएपीजो मीटर
भूगर्भ जल विभाग की ओर से कानपुर में 86 पीजोमीटर लगे हैं। चार महीने पूर्व इनमें से नौ में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसकी वजह से भूजल की रीडिंग सही नहीं आ रही। अब तक इन्हें सही नहीं कराया जा सका है। अधिकारियों के मुताबिक अब डिजिटल वाटर लेवल रिकार्डर (डीडब्ल्यूएलआर) लगाए जाएंगे। कई जगह डीडब्ल्यूएलआर काम कर रहे हैं। यह सेटेलाइट से संचालित होकर हर घंटे का डाटा देते हैं।
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बो¨रग की लेनी होगी इजाजत
शासन की ओर से अत्याधिक दोहन रोकने के लिए नियम कड़े किए जा रहे हैं। बो¨रग कराने से पूर्व भूगर्भ जल विभाग से इजाजत लेनी होगी। अगर विभाग उसकी एनओसी नहीं देता है, तो बो¨रग कराने पर कार्रवाई हो सकती है।
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'कल्याणपुर, घाटमपुर, नौबस्ता, शिवराजपुर अतिदोहित क्षेत्र हैं। कई मोहल्लों में भूगर्भ जल का स्तर काफी कम हो गया है। जल संरक्षण से धरती के अंदर के पानी को बचाया जा सकता है। बारिश के पानी का सही तरह से प्रयोग किया जाना चाहिए। '
- अवधेश कुमार, अधिशासी अभियंता, भूगर्भ जल विभाग