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कानपुर स्थित गंगा बैराज क्षेत्र में नियोजित विकास के लिए चुनौती बनती जा रही प्लाटिंग, बेचे जा भूखंड

बिल्डर नियम ताक पर रखकर बैराज से पांच सौ मीटर दूर डूब की जगह पर अवैध प्लाटिंग कर रहे हैं। केडीए का अमला देख नहीं रहा है या फिर नोटिस देकर अपने को हर बार की तरह बचाने में जुटा है।

By ShaswatgEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 07:32 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 07:32 AM (IST)
कानपुर स्थित गंगा बैराज क्षेत्र में नियोजित विकास के लिए चुनौती बनती जा रही प्लाटिंग, बेचे जा भूखंड
कानपुर स्थित गंगा बैराज क्षेत्र में बिना शासन प्रशासन के भय से होती प्लाटिंग।

कानपुर, जेएनएन। वाह-रे केडीए के अफसर, उनको जितना आईना दिखाया जा रहा है, महज उतनी ही कार्रवाई की जा रही है। दैनिक जागरण ने शंकरपुर सराय, गंगा बैराज से मंधना होते हुए चौबेपुर, सिंहपुर से मैनावती मार्ग व कल्याणपुर में हो रही अवैध प्लाटिंग की खबर छापी तो केडीए के अफसर हरकत में आए। शंकरपुर सराय में अपनी साढ़े आठ सौ बीघा जमीन खाली कराई और बिना लेआउट व गंगा के डूब क्षेत्र में बन रहे निर्माण रोक दिए। इसके बाद अफसरों ने भी आंखें बंद कर लीं या फिर देखते हुए भी कार्रवाई नहीं की। हालत यह है कि अभी भी लुधवाखेड़ा में धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग की जा रही है। छोटे प्लॉटों के साथ फार्म हाउस तक के लिए भूखंड बेचे जा रहे हैं। बाउंड्रीवाल के अंदर काम हो रहा है।

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हैरानी की बात तो ये है कि एसआइटी से जांच की संस्तुति के बाद ये हालात हैं। मंडलायुक्त व केडीए अध्यक्ष डॉ. राजशेखर ने पिछले दिनों केडीए बोर्ड बैठक में बैराज के समग्र विकास और पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए नगर निगम, केडीए, ङ्क्षसचाई विभाग, जिला प्रशासन के अफसरों की टीम बना दी है। इसके बावजूद बिल्डर नियम ताक पर रखकर बैराज से पांच सौ मीटर दूर डूब की जगह पर अवैध प्लाटिंग कर रहे हैं। केडीए का अमला देख नहीं रहा है या फिर नोटिस देकर अपने को हर बार की तरह बचाने में जुटा है। गंगा बैराज से उन्नाव जाने वाले रास्ते में चौकी के बगल से जा रही रोड में पांच सौ मीटर जाकर अपनी आंखों से देख लें कि कैसे नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

प्लाटिंग करने के लिए प्रयोग हो रहा कूड़ा

बैराज के आसपास प्लाटिंग करने के लिए कूड़ा प्रयोग किया जा रहा है। सवाल उठता है कि शहर का कूड़ा यहां पर कैसे आ रहा है। कौन ला रहा है। कई ट्रक कूड़ा और मलबा बैराज के आसपास पड़ा  है।

इनका ये है कहना 

  • टीम भेजकर प्लाटिंग की जांच कराई जाएगी कि किस आधार पर भूखंड बेचे जा रहे हैं। लेआउट के बिना और एनजीटी के नियमों के विपरीत पाया जाता है तो कार्रवाई होगी। - राकेश सिंह, उपाध्यक्ष केडीए
  • लुधवाखेड़ा में टीम भेजकर जांच कराई जाएगी जिसके भी कब्जे होंगे उनको नोटिस देने के साथ ही अवैध प्लाटिंग रोकी जाएगी। स्थायी निर्माण हटाए जाएंगे। - भैरपाल सिंह, विशेष कार्याधिकारी, केडीए

नोटिस देकर और मुकदमा करके भूला केडीए

 हिन्दूपुर गांव के सामने डूब क्षेत्र और हाईटेंशन लाइन के नीचे की गई अवैध प्लाटिंग के लेकर केडीए एक साल पहले नोटिस देने के बाद पेशबंदी के लिए पुलिस को निगरानी का पत्र लिखकर भूल गया। नतीजा ये रहा कि कालोनाइजर ने टाउनशिप डेवलप कर डाली। जागरण ने इस ओर ध्यान दिलाया तो अपनी गर्दन बचाने के लिए विप्रा के अधिकारियों ने कालोनाइजर के खिलाफ बिठूर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया और फिर शांत होकर बैठ गए। अवैध निर्माण को हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। विप्रा अधिकारियों द्वारा कार्रवाई न किए जाने से अब सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि आखिर किस कारण से कालोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई करने में हिचक हो रही है।


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