नहीं लिया सबक, कागजों पर रोपे पौधे
पूर्व के वर्षो में कागज पर पौधे रोपने का खेल खूब हुआ और पकड़ा भी गया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसका नतीजा यह रहा है कि इस वर्ष मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त को सूबे में नौ करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य रखा।
जागरण संवाददाता, कानपुर : पूर्व के वर्षो में कागज पर पौधे रोपने का खेल खूब हुआ और पकड़ा भी गया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसका नतीजा यह रहा है कि इस वर्ष मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त को सूबे में नौ करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य रखा। कानपुर में भी 15 लाख से अधिक पौधे रोपे जाने थे, लेकिन तमाम पौधे कागज पर रोप दिए गए। केडीए हो या फिर नगर पालिका परिषद घाटमपुर इनके अफसरों ने पौधे खरीदकर मंगाए जरूर, लेकिन लक्ष्य के अनुरूप उन्हें रोपा नहीं गया। परिणाम स्वरूप कमरों ही पौधे रखे हैं और सूख रहे हैं। यह बात आला अफसरों को पता है, पर चिंता किसी को नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फरमान आया तो डीएम विजय विश्वास पंत ने कई दौर की बैठकें की। अफसरों को पौधरोपण करने का आदेश दिया। साथ ही यह भी कहा कि जो पौधे रोपे जाएंगे, उनकी वीडियोग्राफी होगी और उसे वन विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। डीएफओ को जिम्मेदारी दी गई कि वे निगरानी करेंगे ताकि कहीं कागज पर पौधरोपण हो तो पकड़ा जाए, पर डीएम का आदेश हवा में उड़ा दिया गया।
केडीए शताब्दी नगर में फ्लैट बना रहा है। यहां पौधे रोपने के लिए मंगा लिए गए। मंडलायुक्त के हाथों यहां पौधरोपण कराने के बाद पौधे कमरे में रख दिए गए। यहां 500 से अधिक पौधे सूख रहे हैं। यही स्थित घाटमपुर में भी है। यहां भी 300 से अधिक पौधों की पत्तियां झड़ गई हैं। उन्हें रोपा नहीं गया तो सूख जाएंगे। यह तो सिर्फ एक बानगी है। ऐसे कई विभाग हैं, जिन्होंने कागज पर पौधे रोपे हैं। जांच होगी तो उनकी पोल भी खुलेगी।
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पौधरोपण की होगी जांच
जहां पौधे रोपे जाने थे, वहां रोपे गए या नहीं इसकी जांच होगी। जांच के लिए कमेटी गठित कर मौके की वीडियोग्राफी भी कराएंगे और जो दोषी होंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई भी होगी।
- विजय विश्वास पंत, डीएम