इत्र कारोबारी पीयूष जैन ने जमा किए जीएसटी के 54 करोड़ और कस्टम पेनाल्टी 4.37 करोड़ और देने को तैयार, जमानत अर्जी पर हुई बहस
कानपुर और कन्नौज के घर और प्रतिष्ठान से 196 करोड़ रुपए और 24 किलो सोना बरामद होने के बाद इत्र कारोबारी पीयूष जैन को जेल भेजा गया था। कोर्ट में जमानत अर्जी पर वकील ने बहस में दलील रखी।
कानपुर, जागरण संवाददाता। जिला जज की अदालत में सोमवार को इत्र कारोबारी पीयूष जैन की जमानत अर्जी पर बहस हुई। पीयूष के अधिवक्ता ने दलील दी कि उनका मुवक्किल 54 करोड़ रुपये जीएसटी सरकार के खाते में जमा कर चुका है । कस्टम पेनाल्टी के रूप में 4.37 करोड़ रुपये और जमा करने को तैयार है । पीयूष जमानत की शर्तों का पालन करेगा। इन तर्कों के आधार पर उन्होंने पीयूष को जमानत देने की मांग की।
डीआरआई (डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस) की ओर से इसके विरोध में आपत्ति दाखिल करने के लिए दोबारा जवाब दाखिल करने का समय मांगा। इस पर जिला जज मयंक कुमार जैन ने अगली सुनवाई के लिए दो जून की तारीख दी है । वहीं प्रभारी विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पीयूष की ओर से आये दो अधिवक्ताओं ने उसे जेल से कोर्ट में तलब करने की मांग की ।
विशेष लोक अभियोजक अम्बरीष टंडन ने इसका विरोध करते हुए तर्क रखा कि जेल में बंद पीयूष की पहली पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई थी। उसके बाद से लगातार ऐसे ही पेशी हो रही है । व्यक्तिगत रूप से बुलाने में सुरक्षा संबंधी कई समस्याएं हैं लिहाजा उसे तलब करने की जरूरत नहीं है ।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने भी कहा कि अभी तक हुई सुनवाई में कोई समस्या नहीं आयी है । व्यक्तिगत पेशी के लिए पर्याप्त आधार न पाते हुए अर्जी खारिज कर दी और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही पेशी के आदेश दिए ।