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Pintu Sengar Murder : पांच बीघा जमीन के टुकड़े ने कराई दोस्तों में दुश्मनी, पहले अपहरण फिर मारपीट और अब बसपा नेता की हत्या

जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है जांच सामने आ रहे हैं नए-नए तथ्य जमीन के पूर्व स्वामी नितेश कनौजिया के अपहरण का था आरोप।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 10:33 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 04:12 PM (IST)
Pintu Sengar Murder : पांच बीघा जमीन के टुकड़े ने कराई दोस्तों में दुश्मनी, पहले अपहरण फिर मारपीट और अब बसपा नेता की हत्या
Pintu Sengar Murder : पांच बीघा जमीन के टुकड़े ने कराई दोस्तों में दुश्मनी, पहले अपहरण फिर मारपीट और अब बसपा नेता की हत्या

कानपुर, जेएनएन। पिंटू सेंगर हत्याकांड का रहस्य खोलने में पुलिस फिलहाल भले खाली हाथ है, मगर जांच में एक के बाद एक नए तथ्य सामने आ रहे हैैं। जमीन का वह टुकड़ा, खासकर इस पूरे मामले का महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां से उखड़ कर कई कहानियां सामने आती हैं। पिंटू की हत्या से पहले मारपीट और अपहरण तक के फ्लैश बैक में ले जाती हैं। रूमा में करीब पांच बीघा जमीन के इस टुकड़े ने ही पिंटू और पप्पू की गाढ़ी दोस्ती को वर्षों पहले कट्टर दुश्मनी की कहानी में बदला। उसी दौर में भूमि के पूर्व स्वामी नितेश कनौजिया का अपहरण होने का भी आरोप सामने आया।

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दस साल पुराना है जमीन का विवाद

पुलिस की जांच में कहानी की परतें आ रही हैैं। अभी तक की जांच के अनुसार जमीन का विवाद करीब दस साल पुराना है। नितेश कनौजिया ने जमीन पहले मनोज गुप्ता को बेची, फिर पिंटू सेंगर के कहने पर किसी अनुसूचित जाति के व्यक्ति के नाम की। मनोज ने पिंटू से जमीन वापस लेने के लिए पप्पू स्मार्ट से संपर्क किया। पप्पू स्मार्ट ने मनोज से 40 लाख रुपये लेकर जमीन वापस दिलाने का वादा किया। दोस्ती के बाद भी पिंटू ने पप्पू की बात नहीं मानी और दोनों के बीच दुश्मनी शुरू हो गई। कहा जा रहा कि इस जमीन के विवाद में 25 सितंबर 2013 को मुरे कंपनी पुल के पास से नितेश का अपहरण हुआ। अपहरणकर्ता उसे बिंदकी स्थित गेस्ट हाउस ले गए थे। पुलिस ने अपहृत को बरामद किया। हालांकि यह भी बात सामने आ रही है कि दबाव में पुलिस ने दोनों पक्षों का शांतिभंग की आशंका मेंं चालान कर पूरा मामला दबा दिया। कैंट थाने का मामला था और चालान हरबंश मोहाल थाने से हुआ।

जनवरी में कोतवाली में हुई थी मारपीट

अपहरण की घटना के बाद कुछ दिन शांति छाई रही। इसी बीच एक जनप्रतिनिधि के प्रॉपर्टी डीलर भाई के घर मनोज गुप्ता की मुलाकात सिपाही के अपराधी बेटे के जरिए एक अधिवक्ता से हुई, जिसने जमीन वापस दिलाने का ठेका ले लिया। बताया जाता है कि जमीन वापसी के लिए दबाव बनाने के लिए 29 जनवरी 2020 को कचहरी में नितेश को पकड़ कर बुरी तरह से मारा पीटा गया, जिसका मुकदमा कोतवाली में दर्ज है। इसमें एससी-एसटी एक्ट भी लगा। मुकदमे में मनोज गुप्ता और उसके भाई उत्सव गुप्ता को आरोपित बनाया गया था। इस घटना के बाद पिंटू, नितेश का साथ दे रहा था और इसी वजह से दोबारा बात आगे बढ़ी और मामला विभिन्न स्तरों से होता समझौते की मेज पर पहुंचा। पिंटू ने लगभग चार करोड़ कीमत वाली इस जमीन का 90 लाख रुपये में समझौता कर लिया था।

हत्या से एक दिन पहले गायब हो गए थे पप्पू के रिश्तेदार

हत्याकांड से जुड़ा एक बड़ा पहलू और भी सामने आया है। जानकारी मिली है कि हत्या से एक दिन पहले पप्पू स्मार्ट का साला और दामाद दोनों परिवार के साथ लापता हैं। दोनों दरगाह टीला पर रहते हैं और एक दिन पहले ही घर में ताला लगाकर चले गए। पुलिस मान रही है कि उन्हें घटना का पता होगा।

इनका ये है कहना

जो भी कडिय़ां हैं, सभी पप्पू व मनोज के आसपास ही घूम रही हैं। जमीन के कई विवाद सामने आए हैं। तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता है, जब तक ठोस साक्ष्य न मिल जाएं। अब तक 50 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। 150 से अधिक नंबरों की सीडीआर और 300 सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए हैं।

-राजकुमार अग्रवाल, एसपी पूर्वी  


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