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Lockdown में फरीदाबाद से साइकिल चलाकर पहुंचे कानपुर, समाज सेवियों ने खाना खिलाया तो छलक पड़े आंसू

खाना न मिलने और मकान मालिक के किराया मांगने पर गोरखपुर घर जाने के लिए साइकिल से निकल पड़े हैं।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 01:11 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 01:11 PM (IST)
Lockdown में फरीदाबाद से साइकिल चलाकर पहुंचे कानपुर, समाज सेवियों ने खाना खिलाया तो छलक पड़े आंसू
Lockdown में फरीदाबाद से साइकिल चलाकर पहुंचे कानपुर, समाज सेवियों ने खाना खिलाया तो छलक पड़े आंसू

कानपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में दूसरे राज्यों और शहरों में रहकर काम करने वालों का घर लौटने का सिलसिला थमा नहीं है। सड़कों और राजमार्गों पर पैदल, साइकल और दो पहिया वाहन पर सवार लोग घर पहुंचने के लिए मुसीबतों को सामना कर रहे हैं।

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भूखे-प्यास मंजिल की ओर बढ़ते जा रहे हैं, ऐसा ही फरीदाबाद से साइकिल से चला एक जत्थ कानपुर पहुंचा। समाज सेवियों ने उन्हें रोककर खाना खिलाया तो आंखों से आंसू छलक पड़े और उन्होंने अपना दर्द बयां किया।

मूलरूप से गोरखपुर के रहने वाले रामभजन, सूरज, सुनील और उनके चार अन्य दोस्त कई किलोमीटर साइकिल चलाकर कानपुर पहुंचे, जिन्हें अपने घरों के लिए जाना था। चकेरी हाइवे पर समाजिक संस्था ने भोजन कराया तो उनका दर्द छलक पड़ा। सभी ने खाना न मिलने और मकान मालिक द्वारा एडवांस किराया मांगने की बात कही।

सातों फरीदाबाद की एक फैक्ट्री में काम करते थे, लॉकडाउन के बाद कार्य ठप हो गया। औद्योगिक क्षेत्र होने की वजह से भोजन के लाले हो गए। 26 मार्च को साइकिल से गोरखपुर के लिए रवाना हो गए। वहीं सुधीर, गौरव और उनका परिवार अहमदाबाद से गोरखपुर के लिए टेंपो से निकले। उनके साथ महिलाएं और बच्चे भी थे।


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