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कानपुर मंडल के 104 पदों पर जल्द चयन बोर्ड से आएंगे स्थायी प्रधानाचार्य, 90 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों का संभालेंगे जिम्मा

जिन अभ्यर्थियों ने 2011 की प्रधानाचार्य भर्ती के लिए आवेदन किया था उनके सभी शैक्षिक दस्तावेजों को सत्यापित कराने के बाद आफलाइन आवेदनों को आनलाइन में बदल दिया गया। इन दिनों सभी अभ्यर्थी उन आवेदनों पर अपनी सहमति दर्ज करा रहे हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 01:35 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 01:35 PM (IST)
कानपुर मंडल के 104 पदों पर जल्द चयन बोर्ड से आएंगे स्थायी प्रधानाचार्य, 90 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों का संभालेंगे जिम्मा
माध्यमिक विद्यालयों की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जागरण संवाददाता। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की लापरवाही के चलते जिले के करीब 90 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में स्थायी प्रधानाचार्यों के स्थान पर तदर्थ प्रधानाचार्य काम कर रहे हैं। चयन बोर्ड ने लगभग 10 सालों बाद इस मामले का संज्ञान लिया और अब आगामी 31 जनवरी तक कानपुर मंडल के 104 पदों पर जल्द ही प्रधानाचार्यों की भर्ती की जाएगी। 

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जिन अभ्यर्थियों ने 2011 की प्रधानाचार्य भर्ती के लिए आवेदन किया था, उनके सभी शैक्षिक दस्तावेजों को सत्यापित कराने के बाद आफलाइन आवेदनों को आनलाइन में बदल दिया गया। इन दिनों सभी अभ्यर्थी उन आवेदनों पर अपनी सहमति दर्ज करा रहे हैं।

हर साल भेजा जाता रहा अधियाचन, पर न हो सकी भर्ती: डीआइओएस सतीश तिवारी ने बताया कि जिले में कुल 113 अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय हैं। जिनमें लगभग हर साल ही प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत शिक्षक जब सेवानिवृत्त हो जाते तो उनका अधियाचन माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को भेजा जाता रहा। हालांकि, चयन बोर्ड में जो पेंच फंसे, उनके चलते जिले में कोई प्रधानाचार्य स्थायी रूप से नियुक्त नहीं हो सका। 

स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक को दिया गया तदर्थ प्रधानाचार्य का पद: उप्र प्रधानाचार्य परिषद के मंडलीय अध्यक्ष डा.गिरीश मिश्रा ने बताया कि जब सालों से माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा कोई प्रधानाचार्य नहीं भेजा गया, तो स्कूलों में कार्यरत वरिष्ठ शिक्षकों (वरिष्ठता क्रम का ध्यान रखते हुए) ही तदर्थ प्रधानाचार्य के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने कहा, अब 31 जनवरी तक वर्ष 2011 की भर्ती पूरी किए जाने को लेकर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया है, इससे आस बंधी है कि जल्द शहर के तमाम अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में चयन बोर्ड से चयनित होकर आए प्रधानाचार्य जिम्मा संभालेंगे। 


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