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कानपुर की हवा में दूषित गैसों का इजाफा, Urticaria से पीडि़त हो रहे लोग Kanpur News

चेहरे और होठों पर सूजन आने के मरीज अस्पतालों में पहुं्रच रहे हैं।

By AbhishekEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 12:41 PM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 04:23 PM (IST)
कानपुर की हवा में दूषित गैसों का इजाफा, Urticaria से पीडि़त हो रहे लोग Kanpur News
कानपुर की हवा में दूषित गैसों का इजाफा, Urticaria से पीडि़त हो रहे लोग Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। शहर की आब-ओ-हवा इस कदर खराब हो चुकी है कि लोगों को तरह तरह की बीमारियों का शिकार बना रही हैं। हवा में मौजूद हानिकारक गैसें और नग्न आंखों से न दिखाई देने वाले अत्याधिक छोटे कण शरीर के लिए घातक साबित हो रहे हैं। हवा में दूषित गैसों का घनत्व बढऩे से गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) की स्थिति भी गंभीर हो गई है। इससे लोग अरटीकैरिया से पीडि़त हो रहे हैं और एलएलआर अस्पताल (हैलट), उर्सला अस्पताल और निजी क्लीनिक में रोगियों की संख्या बढऩे लगी है।

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शहर में एक्यूआइ की स्थिति गंभीर

हवा में दूषित गैसों का घनत्व बढऩे से गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) की स्थिति गंभीर हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से रविवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। बोर्ड के अधिकारियों का मानना है कि ठंड के साथ ही दूषित गैसों के स्तर में इजाफा होगा। इस स्थिति में शहर के ऊपर स्मॉग का खतरा मंडराने लगा है। वायु प्रदूषण के मामले में कानपुर 18वें नंबर पर है। सबसे ऊपर मंडीगोविंदगढ़ और दूसरे पर वापी शहर हैं।

क्या होता है अरटीकैरिया

रोगियों के चेहरे, आंखों और होठों पर सूजन की समस्या होने को अरटीकैरिया कहते हैं। यह एक तरह की एलर्जी है, जो की दवाओं से सही हो जाती है। चेहरे पर कील, मुहांसे और चेहरे पर ड्राईनेस की दिक्कत से लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। सबसे अधिक समस्या दोपहिया वाहन सवारों और पैदल चलने वालों को है। डॉक्टर चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों में लगाने के लिए मलहम लिख रहे हैं।

लगातार दवाएं खाने से ठीक होता मर्ज

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के चर्म रोग विभागाध्यक्ष डॉ. डीपी शिवहरे ने बताया कि ओपीडी में रोजाना 30 से 35 मरीज अरटीकैरिया के आ रहे हैं। यह एलर्जी दूषित हवा और गंदगी की वजह से होती है। कुछ लोगों में लाल लाल चकत्ते भी पड़ जाते हैं। इसमें लगातार दवाएं खानी पड़ती है। कॉस्मैटिक डर्मोटोलॉजिस्ट डॉ. रघुवीर माथुर ने बताया कि वायु प्रदूषण की वजह से चेहरे में पीएच लेवल कम हो रहा है। लंबे समय तक यह समस्या रहने से झुर्रियां होने लगती है। युवाओं में मुहांसे के केस भी बढ़े हैं। बाहर से आने के बाद चेहरे और खुले हिस्से को अच्छी तरह से धोना चाहिए। त्वचा रोग विशेषज्ञों के परामर्श पर मॉश्चराईजर क्रीम लगा सकते हैं।

देश में दूषित शहरों की स्थिति

शहर                एक्यूआइ 

मंडीगोविंदगढ़      328

वापी                   300

सिलीगुड़ी             296

गाजियाबाद          292

ग्रेटर नोएडा          281

तलचर                 278

खन्ना                    264

वाराणसी              263

मंडीदीप               256

हावड़ा                  253

(मात्रा माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर है। )

शहर अधिकतम गैसों की मात्रा

गैस              अधिकतम मात्रा

पीएम 2.5           290

एनओटू              114

एसओटू                75


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