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जेआर की हड़ताल, ओपीडी के बहिष्कार से मरीज परेशान

शुक्रवार तक शांतिपूर्ण ढंग हड़ताल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से चल रही बात। - वार्ता विफल ह

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 10:51 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 10:51 PM (IST)
जेआर की हड़ताल, ओपीडी के बहिष्कार से मरीज परेशान
जेआर की हड़ताल, ओपीडी के बहिष्कार से मरीज परेशान

- शुक्रवार तक शांतिपूर्ण ढंग हड़ताल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से चल रही बात

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- वार्ता विफल होने पर शनिवार से जेआर सभी सेवाएं पूरी तरह कर सकते ठप

जागरण संवाददाता, कानपुर : नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट फार पोस्टग्रेजुएट (नीट पीजी-2021) की काउंसिलिग में विलंब के विरोध में राजकीय मेडिकल कालेजों एवं चिकित्सकीय संस्थानों के जूनियर रेजीडेंट (जेआर) की अनिश्चितकालीन हड़ताल तीसरे दिन सोमवार को भी जारी रही। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल (हैलट) की इमरजेंसी के बाहर जेआर हड़ताल के समर्थन में धरना पर डटे रहे। सोमवार को ओपीडी का जेआर ने बहिष्कार किया, जिससे मरीजों को परेशानी हुई। हालांकि कंसलटेंट और सीनियर रेजीडेंट ओपीडी में मरीजों को देखते रहे।

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इमरजेंसी में मरीजों का इलाज भी जेआर करते रहे।

एलएलआर इमरजेंसी के बाहर धरने पर बैठे जेआर का कहना था कि नीट पीजी की परीक्षा जून में हुई थी। जुलाई में रिजल्ट भी आ गया, उसके बाद से आज तक केंद्र सरकार काउंसिलिग कराने का निर्णय नहीं ले सकी। डेढ़ साल से जेआर की कमी है। जेआर-टू अपने साथ-साथ जेआर-वन का भी कार्य कर रहे हैं। डेढ़ साल से काम के बोझ से मानसिक व शारीरिक रूप से थम चुके हैं। उसके बावजूद सुनवाई नहीं हो रही है।

उत्तर प्रदेश जूनियर रेजीडेंट एसोसिएशन (यूपी आरडीए) के अध्यक्ष डा. विनय कुमार ने दैनिक जागरण से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों से आरडीए की नेशनल विग के प्रतिनिधिमंडल की लगातार बातचीत चल रही है। केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार तक का समय मांगा है। ऐसे में उन्हें शुक्रवार तक का समय दिया गया है। शुक्रवार तक बात नहीं बनने पर शनिवार को इमरजेंसी, ओपीडी और इनडोर की सेवाएं पूरी तरह ठप कर दी जाएंगी। उसकी जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकार की होगी। इससे केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रालय को भी अवगत करा दिया गया है।

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इनडोर में एनपीजी व इंटर्न तैनात

जेआर की अनिश्चितकालीन हड़ताल को देखते हुए ओपीडी और इनडोर में नान पीजी जूनियर रेजीडेंट और इंटर्न छात्रों को तैनात कर दिया गया है। ओपीडी में सोमवार को जेआर-टू और जेआर-थ्री नहीं आए। ऐसे में कंसलटेंट का एसआर, एनपीजी व इंटर्न सहयोग करते रहे। इसी तरह मेडिसिन, सर्जरी, आर्थोपेडिक, बाल रोग, स्त्री एवं प्रसूति रोग, ईएनटी, नेत्र रोग और रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के वार्डों का विभागाध्यक्षों ने जायजा लिया। इलाज से जुड़े दिशा-निर्देश भी दिए।

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इमरजेंसी सेवाओं में जेआर पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं। ओपीडी में आज नहीं आए, जिससे दिक्कत हुई। ओपीडी कक्ष में मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। आइसीयू एवं आपरेशन थियेटर में पूर्व की भांति आपरेशन भी हुए हैं।

प्रो. आरके मौर्या, प्रमुख अधीक्षक, एलएलआर अस्पताल।

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वार्डों में एनपीजी की ड्यूटी लगा दी गई है। इमरजेंसी में सीनियर रेजीडेंट और जेआर-थ्री लगे हैं, उनका सहयोग जेआर-टू भी कर रहे हैं। सुबह सभी वार्डों का राउंड लिया था, किसी वार्ड से मरीजों ने कोई शिकायत नहीं की है।

प्रो. रिचा गिरि, उप प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।


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