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कानपुर के मेडिकल कालेज अस्पताल में जूनियर डाक्टरों की हड़ताल से मरीजों का इलाज प्रभावित

कानपुर शहर में जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद वार्डों में चिकित्सकीय व्यवस्था प्रभावित होने के चलते एनपीजी व इंटर्न को लगाया गया है। एसआर की 24 घंटे ड्यूटी इमरजेंसी व आइसीयू में लगा दी गई है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 08:49 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 08:49 AM (IST)
कानपुर के मेडिकल कालेज अस्पताल में जूनियर डाक्टरों की हड़ताल से मरीजों का इलाज प्रभावित
एलएलआर अस्पताल में धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टर।

कानपुर, जागरण संवाददाता। नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (नीट) पीजी काउंसिलिंग में देरी के विरोध में जूनियर डाक्टरों की देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल शनिवार से शुरू हुई। इसके समर्थन में जीएसवीएम मेडिकल कालेज के जूनियर डाक्टर भी एलएलआर अस्पताल (हैलट) में इमरजेंसी के बाहर धरने पर बैठे व देर रात तक डटे रहे। पोस्टर एवं बैनर के माध्यम से अपना दर्द आमजन तक पहुंचाते रहे। हालांकि, हड़ताल का असर इमरजेंसी सेवाओं पर नहीं पड़ा। मरीजों का इलाज होता रहा। वहीं, वार्डों की चिकित्सकीय व्यवस्था प्रभावित हुई। वार्ड में डाक्टर नहीं मिलने से मरीजों के स्वजन भटकते रहे।

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काउंसिलिंग में विलंब से राजकीय मेडिकल कालेजों एवं चिकित्सकीय संस्थानों में जूनियर रेजीडेंट (जेआर) नहीं आए हैं। मेडिकल कालेजों के क्लीनिकल व नान क्लीनिकल विभागों में जेआर कम पडऩे से काम का दबाव बढ़ गया है। मेडिकल कालेजों के अस्पताल में कार्यरत जेआर इसका राष्ट्रव्यापी विरोध कर रहे हैं। इस कड़ी में शनिवार से जीएसवीएम मेडिकल कालेज समेत बाकी जगह हड़ताल शुरू हुई। वार्ड एवं ओपीडी में जेआर ने काम बंद कर दिया। उनका कहना है कि जेआर वन आए नहीं हैं, जबकि जेआर-थ्री की परीक्षाएं होनी हैं। इससे पढ़ाई से लेकर चिकित्सकीय व्यवस्था प्रभावित हो रही हैं। जेआर पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। उनका कहना है कि नीट पीजी की काउंसिलिंग डेढ़ वर्ष से अटकी है। नया बैच नहीं आ रहा है।

इमरजेंसी व आइसीयू में एसआर : मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला एवं प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या ने आनन-फानन मंथन कर व्यवस्थाएं दुरुस्त कराईं। एहतियातन सीनियर रेजीडेंट (एसआर) की 24 घंटे ड्यूटी इमरजेंसी व आइसीयू में लगा दी गई है।

वार्डों में एनपीजी व इंटर्न : वार्डों में नान पीजी रेजीडेंट (एनपीजी) और इंटर्न छात्रों की ड्यूटी शिफ्ट में लगाई गई है। उनकी निगरानी के लिए कंसल्टेंट और सीनियर रेजीडेंट को लगाया गया है। विभागाध्यक्ष भी अपने-अपने विभागों की वार्ड एवं इमरजेंसी में सुबह-शाम व्यवस्था का जायजा लेते रहेंगे।

एपीजी की सेवाएं बढ़ाईं : प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि क्लीनिकल एवं नान क्लीनिकल विभागों में नान पीजी जूनियर रेजीडेंट हैं। उनकी सेवाएं एक माह के लिए बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया है। इससे सभी विभागाध्यक्षों को अवगत करा दिया गया है।

-जूनियर रेजीडेंट की कमी से कार्य प्रभावित हो रहा है। पीजी काउंसिलिंग न होने के विरोध में जेआर ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इससे शासन को अवगत करा दिया है। अभी जेआर इमरजेंसी सेवाएं कर रहे हैं। देर रात जेआर ने आपरेशन भी किए हैं। एहतियातन सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी हैं। एक-दो दिन में सकारात्मक हल निकलने की उम्मीद है। -प्रो. संजय काला, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।


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