Move to Jagran APP

उर्सला अस्पताल का हाल, आयुष्मान भारत से जुडऩे के बाद भी सुविधाएं बदहाल

मरीजों के परिजनों को वहन करना पड़ता जरूरी जांचों का खर्च, सक्षम न होने पर भेज दिया जाता एलएलआर अस्पताल।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 24 Nov 2018 12:02 PM (IST)Updated: Sat, 24 Nov 2018 04:48 PM (IST)
उर्सला अस्पताल का हाल, आयुष्मान भारत से जुडऩे के बाद भी सुविधाएं बदहाल
उर्सला अस्पताल का हाल, आयुष्मान भारत से जुडऩे के बाद भी सुविधाएं बदहाल

कानपुर, जागरण संवाददाता। आयुष्मान भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य) स्वास्थ्य योजना से जुड़े उर्सला अस्पताल में चिकित्सीय सुविधाएं बदहाल हैं। इलाज के लिए आने वाले आयुष्मान लाभार्थियों को सुविधाएं नहीं मिल रहीं हैं। इलाज का भुगतान मिलने के बाद भी औपचारिकता पूरी की जा रहीं हैं। जांच के नाम पर एक्सरे, अल्ट्रासाउंड एवं पैथालॉजिकल सुविधा मिल रही है। जरूरी जांचों का खर्च मरीजों के परिजनों को वहन करना पड़ता है। सक्षम न होने पर उन्हें एलएलआर अस्पताल (हैलट) भेज दिया जाता है।
उर्सला अस्पताल के कार्यवाहक सीएमएस डॉ. मुन्नालाल विश्वकर्मा का कहना है कि कुछ समस्याएं हैं। इन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। एमआरआइ मशीन की जल्द ही मरम्मत हो जाएगी। शासन से बजट मिल चुका है। नई सीटी स्कैन मशीन के लिए प्रस्ताव भेजा है। डायलिसिस यूनिट की हकीकत से शासन को अवगत करा दिया गया है। अस्पताल के हिस्से का काम पूरा है, कंपनी को अपना काम कर डायलिसिस शुरू करनी है।
एमआरआइ मशीन खराब
अस्पताल की एमआरआइ मशीन अप्रैल माह से खराब है। शासन एवं कंपनी के बीच बजट का मामला फंसा हुआ है। इसलिए मशीन की अब तक मरम्मत नहीं हो सकी है। यहां एडवांस मशीन है और जांच शुल्क भी बहुत कम है। हड्डी रोग एवं सर्जरी के मरीजों को एमआरआइ जांच के लिए चिकित्सक लिखते हैं, लेकिन लौटा दिए जाते हैं।
सीटी स्कैन मशीन पुरानी
अस्पताल की सीटी स्कैन मशीन काफी पुरानी है। अब सिर्फ सिर का ही सीटी स्कैन होता है, शेष मरीज लौटा दिए जाते हैं। आयुष्मान लाभार्थी सुविधा से वंचित हो रहे हैं।
तीन साल से डायलिसिस यूनिट अधूरी
पीपीपी मॉडल पर वर्ष 2015 में 12 बेड की डायलिसिस यूनिट बननी थी। अस्पताल प्रशासन अपने हिस्से का काम पूरा कर चुका है, लेकिन कंपनी कार्य लंबित किए है। ऐसे में गुर्दा रोगियों को लाभ नहीं मिल रहा। उन्हें बाहर डायलिसिस करानी पड़ रही है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.