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एलएलआर अस्पताल में बड़ी लापरवाही, ऑक्सीजन न मिलने से मरीज की तड़प-तड़प कर मौत

एलएलआर अस्पताल हैलट की इमरजेंसी से लेकर वार्ड में ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम नहीं है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 02:54 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 02:54 PM (IST)
एलएलआर अस्पताल में बड़ी लापरवाही, ऑक्सीजन न मिलने से मरीज की तड़प-तड़प कर मौत
एलएलआर अस्पताल में बड़ी लापरवाही, ऑक्सीजन न मिलने से मरीज की तड़प-तड़प कर मौत

कानपुर, जेएनएन। एलएलआर अस्पताल (हैलट) में रविवार रात बड़ी लापरवाही सामने आई है। चकेरी के पटेलनगर निवासी 45 वर्षीय सांस के मरीज की ऑक्सीजन और इलाज नहीं मिलने से घंटों तड़पने के बाद मौत हो गई। स्वजनों ने इलाज में लापरवाही की शिकायत प्राचार्य से लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के पोर्टल पर भी की है।

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चकेरी के पटेलनगर निवासी 45 वर्षीय अमर सिंह को सांस लेने में दिक्कत होने पर स्वजन रविवार रात 11 बजे हैलट इमरजेंसी लेकर आए थे। यहां उनकी कोरोना जांच कराई गई, जो निगेटिव आई। उन्हें इमरजेंसी में मैनेज करने के बाद डॉ. गौरव गुप्ता की यूनिट में भर्ती करके वार्ड 11 के बेड 14 में शिफ्ट कर दिया गया। भाई करन सिंह का आरोप है कि इमरजेंसी से ऑक्सीजन का आधा सिलेंडर लगाकर वार्ड भेज दिया। जहां रात एक बजे ऑक्सीजन खत्म हो गया तो भाई अमर तड़पने लगे। दूसरे वार्ड से किसी तरह रात ढाई बजे ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर और रात सवा दो बजे लगाने के बाद तीन बजे वो भी खत्म हो गया। इसके बाद भाई अमर फिर ऑक्सीजन न मिलने से तड़पने लगे।

उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि वार्ड से लेकर इमरजेंसी तक दौड़ लगाते रहे लेकिन कोई डॉक्टर नहीं मिला। बड़े डॉक्टर थे नहीं और छोटे सुनने को तैयार नहीं हुए। सोमवार भोर 5:30 बजे भाई ने तड़पकर दम तोड़ दिया। आधे घंटे बाद आए जूनियर डॉक्टर ने उसे बुलाकर मौत होने की जानकारी दी। उससे डेथ सर्टिफिकेट बनवाने की औपचारिकता पूरी करने की बात कहकर चले गये। करन सिंह का आरोप है कि अगर रात में डॉक्टर लापरवाही नहीं बरतते और ऑक्सीजन सिलेंडर मिल जाता तो भाई की जान बच जाती। उसने मेडिकल प्रचार्या के अलावा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत की है।

जानें-क्या बोले जिम्मेदार

इमरजेंसी मैनेजमेंट में कोई कमी नहीं हुई। मरीज को मैनेज करने के बाद ही मेडिसिन वार्ड शिफ्ट कर दिया गया था। वार्ड में मरीज को जटिलताएं हुईं तो डॉक्टरों को अटेंड करना चाहिए था। -डॉ. मनीष सिंह, इमरजेंसी अधीक्षक, हैलट अस्पताल।

शिकायत मिली है। यह बहुत ही गंभीर मामला है। इसको लेकर हैलट की प्रमुख अधीक्षक और मेडिसिन विभागाध्यक्ष से बात करेंगे। जिस डॉक्टर की यूनिट में मरीज भर्ती था उनसे स्पष्टीकरण लिया जाएगा। पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच भी कराएंगे। -प्रो. आरती लालचंदानी, प्राचार्य जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।


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