कागजों में पार्किंग, हकीकत में जाम
शहर के कई इलाकों में पार्किंग की व्यवस्था न होने से सड़क पर खड़े होते हैं। -
जागरण संवाददाता, कानपुर : वाहनों की संख्या बढ़ने से जाम आम हो गया है। इससे निजात के लिए शहर को पार्किंग चाहिए, ताकि ये वाहन सड़क पर खड़े न हों। नगर निगम और केडीए ने इसके लिए योजनाएं भी बनाई, लेकिन धरातल पर काम नहीं हुआ। कागजों में अभी भी पार्किंग बन रही हैं, लेकिन हकीकत में शहर जाम से जूझ रहा है। फिलहाल फूलबाग, कैनाल पटरी और परेड में पार्किंग बन चुकी है, जबकि दर्शनपुरवा समेत आधा दर्जन से अधिक जगहों पर पार्किग का प्रस्ताव अधर में है।
इसलिए जरूरी है पार्किंग
शहर के कई बड़े आवासीय व व्यावसायिक भवनों में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। केडीए अभियंताओं की मेहरबानी से बिना पार्किंग ही बहुमंजिला इमारतें तन चुकी हैं। ऐसे में लोग सड़क पर ही वाहन खड़ा करते हैं। इससे जाम लगा रहता है। चाहे गुमटी नंबर पांच हो या पीरोड, गोविंदनगर हो या लाल बंगला समेत अन्य बाजार। यहां पार्किंग न होने की वजह से तकरीबन दिनभर जाम लगता है। दुकानदार, फ्लैटों में रहने वाले लोग भी सड़क पर ही वाहन खड़ा करते हैं। सीसामऊ, बजरिया, स्वरूप नगर, आर्य नगर, काकादेव, बेकनगंज, जनरलगंज, हटिया, मेस्टन रोड, मूलगंज, एक्सप्रेस रोड पर भी पार्किंग नहीं है। नंबर गेम: 14 लाख से ज्यादा वाहन दौड़ रहे सड़कों पर वर्तमान में ये पार्किंग बनीं दिखावा
केडीए ने परेड और मालरोड पर मल्बीलेबन पार्किंग बनाई हैं, लेकिन इनका लाभ किसी को नहीं मिल रहा है। यहां ज्यादा वाहन भी खड़े नहीं होते। फूलबाग स्थित गणेश उद्यान में बनी पार्किंग में भी इक्का-दुक्का वाहन ही खड़े होते हैं। बार-बार आदेश पर गंभीरता नहीं
केडीए बोर्ड बैठक में पार्किंग का स्थान चिह्नित करने के लिए कई बार आदेश हुए, लेकिन अफसरों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। घंटाघर स्वरूप नगर, कचहरी स्थित दो पार्कों, गोविद नगर, सीसामऊ, गुमटी नंबर पांच समेत कई इलाकों में पार्किंग बनाने की बात हुई, लेकिन काम नहीं हुआ। शासन में लंबित योजना
सेंट्रल पार्क दर्शनपुरवा में 32 करोड़ रुपये से दो मंजिला भूमिगत पार्किंग बननी है। श्रम विभाग ने जमीन के लिए एनओसी भी दे दी है। केडीए ने धन के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा है, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिल सकी है। सपा शासन में तीन पार्किंग बनाई गई थीं, लेकिन इस सरकार में एक भी पार्किंग नहीं बनीं। विधानसभा का सत्र जब शुरू होगा तो शहर की सबसे बड़ी समस्या जाम को उठाऊंगा। मंडलायुक्त और केडीए उपाध्यक्ष से मिलकर पार्किंग की मांग करूंगा।
- इरफान सोलंकी, विधायक
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केडीए को हर हाल में पार्किंग बनानी होगी। स्मार्ट सिटी मिशन से भी पार्किंग बन सकती है। अफसरों को जाम में फंसने वाले लोगों की चिंता है। प्रशासनिक अफसरों से मिलकर इस मुद्दे को उठाएंगे और निर्माण के लिए मजबूर करेंगे।
- अमिताभ बाजपेयी, विधायक
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दर्शनपुरवा में पार्किंग निर्माण का प्रोजेक्ट अगर शासन में फंसा है तो मैं उसे पास कराऊंगा। शहर में पार्किंग की समस्या बड़ी है। केडीए के अफसरों से भी पार्किंग निर्माण का प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए कहूंगा। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत पार्किंग बने ये प्रयास होगा।
- सुरेंद्र मैथानी, विधायक शहर का सुनियोजित विकास नहीं हुआ है। इसी वजह से ऐसे स्थान बहुत कम हैं जहां अंडर ग्राउंड पार्किंग या मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाई जा सके। लोगों को बेवजह वाहनों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
- प्रो.पृथ्वीपति सचान, एचबीटीयू पार्किंग व्यवस्था नहीं होने के कारण वाहन चालक मनमाने स्थानों पर वाहन खड़े कर देते है। सड़कों पर बेतरतीब वाहनों के खड़े होने के कारण ही जाम लगा रहता है। इसीलिए पार्किंग की व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए।
- डॉ.खलील खान, सीएसए विश्वविद्यालय