कानपुर नगर में रहने वाले लोगों के घर की पंचशाला सुरक्षित नहीं
महापौर को बाहरी व्यक्ति रिकार्ड रूम में मिले। जिम्मेदार कर्मचारियों को निलंबित करने के निर्देश।
कानपुर, जेएनएन। आप कानपुर नगर के निवासी हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि आपके घर की पंचशाला सुरक्षित नहीं है। ऐसे कोई आपके घर को हथियाने की साजिश रच सकता है। नगर निगम की बेपरवाही उस समय सामने आ गई जब महापौर पंचशाला रखने वाली जगह पहुंच गईं। जिम्मेदार कर्मचारी नदारद मिले और बाहरी व्यक्ति अंदर घूमते नजर आए। इससे नाराज महापौर ने रिकॉर्ड रूम में ताला लगाकर अपर नगर आयुक्त को निर्देश दिए कि अनुपस्थित कर्मचारी और प्रभारी अधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाए।
जानिए क्या होती है पंचशाला
मकान किसके नाम है। कब दाखिल खारिज हुआ, कब-कब क्या कार्यवाही हुई। ये सभी दस्तावेज पंचशाला रजिस्टर में होते हैं। एक तरह से मकानों की कुंडली है। रखरखाव न होने के कारण कई रजिस्टरों के दस्तावेज फटने लगे हैं। इस समय 4.65 लाख मकानों के दस्तावेज नगर निगम के पास हैं।
कोपरगंज भेज दिए गए दस्तावेज
स्मार्ट सिटी मिशन का ऑफिस बनने के चलते नगर निगम मुख्यालय में रखे 4.65 लाख मकानों के पंचशाला रजिस्टर उठाकर चाचा नेहरू अस्पताल कोपरगंज में कुछ दिन पहले भेज दिए गए थे। महापौर प्रमिला पांडेय ने रिकॉर्ड रूम में छापा मारा तो लिपिक दीपांकर मिश्र और रघुवंश पांडेय अनुपस्थित मिले। चपरासी कैलाश मौके पर मिला। यहां पर बाहरी लोग संपत्तियों का रिकॉर्ड देखते मिले, जिनके नाम महापौर ने नोट कर लिया। छापे की जानकारी मिलने पर अपर नगर आयुक्त प्रथम अमृत लाल बिंद पहुंचे। महापौर ने कहा कि गायब कर्मचारी और प्रभारी को निलंबित कर दस्तावेज सुरक्षित किए जाएं। मकानों के दस्तावेजों को डिजिटल किया जाए। कंप्यूटर में रिकॉर्ड दर्ज कराए जाएं ताकि दस्तावेजों में हेराफेरी न हो सके।
विभागीय कार्रवाई की रिपोर्ट भेजी
अपर नगर आयुक्त प्रथम ने नगर आयुक्त को दोनों कर्मचारी और प्रभारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी थी। नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोप पत्र जारी कर जिम्मेदारों से जवाब तलब किया जाएगा। निलंबन या बर्खास्तगी की कार्रवाई की जा सकती है। वहीं रिकार्ड रूम में मिले चारों बाहरी व्यक्तियों से भी पूछताछ की जाएगी।