ऑक्सीजन एक्सप्रेस में रिमझिम इस्पात के भी चार टैंकर शामिल, शासन की निगरानी में हो रही आपूर्ति
ऑक्सीजन लाने में हो रही देरी और खर्च दोनों में बचत के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस भी चलाई गई ताकि जल्दी से जल्दी ऑक्सीजन मंगाकर पूरे प्रदेश में जरूरत वाले इलाकों में भेजे जा सकें। इसमें रिमझिम इस्पात के चार टैंकर भी शामिल हैं
कानपुर, जेएनएन। रिमझिम इस्पात प्रबंधन अब ऑक्सीजन एक्सप्रेस में भी अपना सहयोग कर रहा है। इस कंपनी के चार टैंकर ऑक्सीजन एक्सप्रेस में शामिल हैं। बता दें कि कंपनी प्रबंधन ने पहले अपना स्टील प्लांट का काम कम करके मेडिकल ऑक्सीजन की मात्र एक रुपये में सप्लाई दी और उसके बाद 400 टन रोज का ऑक्सीजन प्लांट लगाने का प्रस्ताव देने की पहल की थी।
इस समय पूरे देश में ऑक्सीजन संकट चरम पर है। कोरोना संक्रमितों की उखड़ती सांसों को नियंत्रित करने के लिए सभी को ऑक्सीजन की जरूरत है। ऑक्सीजन का ज्यादातर हिस्सा बोकारो, राउरकेला से आता है। वहां से अलग-अलग टैंकर में ऑक्सीजन लाने में हो रही देरी और खर्च दोनों में बचत के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस भी चलाई गई ताकि जल्दी से जल्दी ऑक्सीजन मंगाकर पूरे प्रदेश में जरूरत वाले इलाकों में भेजे जा सकें। इसमें रिमझिम इस्पात के चार टैंकर भी शामिल हैं जो इस समय पूरी तरह शासन की निगरानी में ऑक्सीजन ला रहे हैं। इन पर पूरी तरह से लखनऊ से कंट्रोल रहता है। रिमझिम इस्पात के निदेशक रोहित अग्रवाल के मुताबिक पूरे प्रदेश में जब ऑक्सीजन सप्लाई के लिए टैंकर की मांग की गई तो कंपनी ने चार टैंकर सौंप दिए। अब इन टैंकर को कहां से ऑक्सीजन लेनी है और उसकी सप्लाई कहां करनी है, यह सारा नियंत्रण लखनऊ से होता है। इसमें उनका कोई हस्तक्षेप नहीं है। ज्यादा से ज्यादा लोगों तक समय से ऑक्सीजन पहुंच जाए, यही बहुत है क्योंकि ऑक्सीजन इस समय किसी भी दूसरी चीज से ज्यादा जरूरी है।