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Oxygen Shortage In Kanpur: ऑक्सीजन के इंतजार में सांसें छोड़ रहीं शरीर का साथ, कोविड नर्सिंगहोम ने खड़े किए हाथ

Oxygen Cylinder Shortage In Kanpur जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन का 24 घंटे का बैकअप है। यहां कानपुर ही नहीं बल्कि आसपास के जनपदों से भी मरीज आ रहे हैं। गुरुवार को यहां 165 छोटे सिलिंडर आए जिसे कुछ ही देर में रोगियों को दे दिया गया।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 08:10 AM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 08:10 AM (IST)
Oxygen Shortage In Kanpur: ऑक्सीजन के इंतजार में सांसें छोड़ रहीं शरीर का साथ, कोविड नर्सिंगहोम ने खड़े किए हाथ
कानपुर में ऑक्सीजन तो दूर मरीजों काे नहीं मिल पा रहा समुचित उपचार।

कानपुर, जेएनएन। Oxygen Cylinder Shortage In Kanpur स्वास्थ्य विभाग की ओर से बेशक सरकारी और निजी कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था होने की बात कही जाए, लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। संक्रमित रोगियों को तो फिर भी कुछ हद तक सहयोग मिल रहा है, लेकिन संभावित और लक्षण वाले मरीजों को ऑक्सीजन के लिए परेशान होना पड़ रहा है। कई दफा यह इंतजार इतना लंबा हो रहा है, लेकिन कुछ ही घंटों में मरीज की सांसें उखड़ जा रही हैं।

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जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन का 24 घंटे का बैकअप है, लेकिन यहां छोटे सिलिंडरों की किल्लत है। यहां कानपुर ही नहीं बल्कि आसपास के जनपदों से भी मरीज आ रहे हैं। गुरुवार को यहां 165 छोटे सिलिंडर आए, जिसे कुछ ही देर में रोगियों को दे दिया गया। रात में भी कुछ सिलिंडर आने हैं। यही हाल निजी कोविड अस्पतालों का भी है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. आरबी कमल ने बताया कि छोटे सिलिंडरों की समस्या है। कंपनी की कई गाडिय़ां दिन में चक्कर लगा रही हैं। तीन निजी वाहन भी इसी काम में लगाए हैं। जंबो सिलिंडर बैकअप के लिए हैं। ड्रग इंस्पेक्टर संदेश मौर्या ने बताया कि गुरुवार को 14 टन ऑक्सीजन का बैकअप मिला है। रात तक और आ जाएगी।

सीएमओ से की गई मांग: कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए अधिग्रहीत किए गए नर्सिंगहोम भी ऑक्सीजन की किल्लत होने के चलते हाथ खड़े कर रहे हैं। कुछ अस्पतालों ने मंडलायुक्त डीएम और सीएमओ को पत्र लिखकर ऑक्सीजन की आपूर्ति कराने की मांग की है। इसमें कल्याणपुर के दो और बर्रा का एक हॉस्पिटल शामिल है।

  • केस एक : बर्रा के विष्णु शंकर पांडेय की पत्नी सुनीता पांडेय को सांस लेने में तकलीफ होने पर हैलट अस्पताल की इमरजेंसी लाया गया। यहां बेड नहीं मिला। इससे उनकी हालत बिगड़ती चली गई। इमरजेंसी में ऑक्सीजन के छोटे सिलिंडर नहीं थे। घर वालों से ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था करने को कहा गया, तब तक उनकी मौत हो गई।
  • केस दो : शुक्लागंज की 78 वर्षीय भगवान देवी को सांस फूलने की समस्या पर घरवाले हैलट इमरजेंसी लेकर आए। यहां उन्हें ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के लिए कहा गया। परिवार वाले दो घंटे तक इधर-उधर परेशान हुए, लेकिन सिलिंडर नहीं मिल सका। इस बीच कई निजी अस्पतालों में गए, लेकिन सभी ने हाथ खड़े कर दिए। इस बीच वृद्धा की मौत हो गई।

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