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एक्सप्रेस-वे पर आप नेता के खिलाफ चुनाव लड़े प्रत्याशी की चली गई जान, क्या हो सकती हादसे की वजह

आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर बस और फाच्र्यूनर कार की भिड़ंत में छह लोगों की मौत हुई।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 05:31 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 05:31 PM (IST)
एक्सप्रेस-वे पर आप नेता के खिलाफ चुनाव लड़े प्रत्याशी की चली गई जान, क्या हो सकती हादसे की वजह
एक्सप्रेस-वे पर आप नेता के खिलाफ चुनाव लड़े प्रत्याशी की चली गई जान, क्या हो सकती हादसे की वजह

कानपुर, जेएनएन। आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर बस और फाच्र्यूनर कार की भिड़ंत में छह लोगों की मौत की घटना ने एक बार फिर सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदमों की हकीकत सामने ला दी है। इतने बड़े हादसे में दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी के मंत्री रहे मनीष सिसौदिया के खिलाफ चुनाव लडऩे वाले सुरजीत सिंह की मौत के बाद फिर वजह तलाशी जाने लगी है। एक्सप्रेस वे बनने के बाद लगातार हादसे होने पर सुरक्षा के लिए कई तरह के प्रयास शुरू किए गए थे लेकिन उनपर कितना अमल हुआ, इस हादसे ने फिर पोल खोल दी है।

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बिल्हौर के मकनपुर के पास हुआ हादसा

आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर सोमवार की आधी रात बिहार रोडवेज की वॉल्वो बस अनियंत्रित होकर डिवाइडर पार करते हुए आगरा-दिल्ली लेन पर पहुंच गई और तेज रफ्तार फॉर्च्यूनर कार से टकराकर खड्ड में घुस गई। हादसे में फॉर्च्यूनर कार सवार पांच लोगों की मौत हो गई। वहीं बस के चालक की भी मौत हो गई। कार में सवार सनी (35), मुकेश (40), राम शंकर व सुरजीत सिंह की मौके पर मौत हो गई थी, जिन्हें कार काटकर बाहर निकाला जा सका था। मरने वालों में सुरजीत दिल्ली के पड़पडग़ंज विधानसभा सीट पर आप नेता मनीष सिसौदिया के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़े थे और हार गए थे। एक्सप्रेस वे के बनने के बाद लगातार हादसे हो रहे हैं, इसके लिए कई बार सुरक्षा को लेकर दिशा निर्देश भी जारी किए जाते रहे हैं।

हादसे में सामने आई ये वजह

एक्सप्रेस वे पर हादसे के बाद सामने आया कि तेज रफ्तार बस के चालक को झपकी आ गई थी और बस काफी देर तक लहराते हुए तेजी से डिवाइडर से दूसरी तरफ पहुंच गई थी। बस भी करीब सौ की रफ्तार से चल रही थी, वहीं दूसरी फॉच्र्यूनर कार की स्पीड 120 के आसपास थी। इस हादसे में भी तेज रफ्तार को ही हादसे की वजह माना जा रहा है। बिल्हौर थाना प्रभारी जनार्दन सिंह कहते हैं कि एक्सप्रेस वे पर वाहनों की रफ्तार तय की गई है लेकिन लोग इसका पालन ही नहीं कर रहे हैं। इसी माह तीन हादसे हो चुके हैं।

कार के लिए सौ की स्पीड है निर्धारित

आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे बनने के बाद हादसों का सिलसिला बढ़ा तो स्पीड लिमिट तय कर दी गई थी। कार के लिए सौ किमी प्रति घंटा से अधिक तेज नहीं चलने के लिए तय है। वहीं भारी वाहन व बस के लिए 60 से 80 तक की स्पीड लिमिट है। जबकि एक्सप्रेस वे पर स्पीड लिमिट का पालन नहीं हो रहा है। वाहन चालक मनमाने तरह से फर्राटा भर रहे हैं। स्पीड पर अंकुश लगाने के लिए टोल प्लाजा पर जुर्माने की भी व्यवस्था है।

इस तरह टोल पर चलता ओवर स्पीड का पता

एक्सप्रेस वे बनने के बाद यह कहा गया था कि वाहनों की ओवर स्पीड टोल पर पकड़ जाएगी। कोई वाहन निर्धारित समय से पहले यदि एक टोल से दूसरे टोल पर पहुंचेगा तो उसका ओवर स्पीड से आना पकड़ में आ जाएगा। इसके साथ टोल के पहले और एक्सप्रेस वे पर कई प्वाइंट पर स्पीड मापने के कैमरे भी लगाए गए हैं। इसके जरिये वाहन की स्पीड पकड़कर ओवरस्पीड वाहनों को टोल पर पकड़कर जुर्माने का प्रावधान किया गया था। लेकिन अभी तक ऐसी प्रक्रिया न अपनाए जाने से वाहन चालक मनमानी स्पीड से दौड़ रहे हैं।

चाय के स्टॉल भी लगाए गए

ठंड और कोहरे के दिनों में जब हादसे बढ़े तो यूपीडा ने टोल से पहले तथा कुछ प्वाइंट पर फ्री चाय के स्टॉल लगाने की पहल की। यहां पर वाहन चालकों को फ्री चाय देने का प्रावधान किया गया। इसके पीछे माना गया कि लंबी दूरी का सफर तय करते समय वाहन चालक को नींद या झपकी आने की आशंका रहती है। ऐसे में बीच में उन्हें चाय पिलाकर नींद दूर करके हादसों को रोका जा सकता है। यह स्टॉल कुछ दिनों तक एक्सप्रेस वे पर नजर आए लेकिन बाद में एक एक करके गायब हो गए।

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