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कानपुर सेट्रल पर ब्रह्मपुत्र मेल में पकड़ा दूसरे ब्रांड का पेयजल

आइआरसीटीसी ने मुहर लगाते हुए सेट्रल रेलवे स्टेशन पर ब्रह्मपुत्र मेल के पेंट्रीकार से दूसरे ब्रांड का पानी बरामद किया है। रिपोर्ट तैयार हो रही है, जिसे रेल मुख्यालय को भेजा जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Apr 2018 02:52 PM (IST)Updated: Sun, 01 Apr 2018 03:37 PM (IST)
कानपुर सेट्रल पर ब्रह्मपुत्र मेल में पकड़ा दूसरे ब्रांड का पेयजल
कानपुर सेट्रल पर ब्रह्मपुत्र मेल में पकड़ा दूसरे ब्रांड का पेयजल

जागरण संवाददाता, कानपुर: सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर पानी के खेल वाली दैनिक जागरण की खबर पर आइआरसीटीसी ने भी मुहर लगा दी है। आइआरसीटीसी ने ब्रह्मपुत्र मेल के पेंट्रीकार से दूसरे ब्रांड का पानी बरामद किया है। इस संबंध में रिपोर्ट तैयार हो रही है, जिसे रेल मुख्यालय को भेजा जाएगा।

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रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में पानी के खेल के पीछे एक बड़ा तंत्र काम कर रहा है। इसमें रेलवे के अधिकारी, आरपीएफ और जीआरपी, दलाल और पेंट्री संचालित करने वाली ठेकेदार शामिल हैं। दैनिक जागरण ने शनिवार के अंक में सेंट्रल रेलवे स्टेशन से संचालित होने वाले रोजाना के लाखों के पानी के कारोबार का खुलासा किया था। अब इस पर मोहर भी लग गई है। ब्रह्मपुत्र मेल उन चुनिंदा ट्रेनों में शामिल है, जो सीधे आइआरसीटीसी के हाथों में है। विभाग की सेंट्रल स्टेशन पर तैनात टीम ने ट्रेन की पेंट्रीकार से 500 अधिक बोतल पानी बरामद किया है। यह पानी हेल्थ प्लस और पवन ब्रांड का है, जबकि इस ट्रेन में रेल नीर का प्रयोग होना चाहिए था।

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आंखों में धूल झोकने को ब्रांड का खेल

ट्रेनों व रेलवे स्टेशनों पर पानी का खेल केवल कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत के सभी रेल मंडलों में है। रेल नीर की अनुपलब्धता की आड़ में अलग-अलग ब्रांड के पानी को रेलवे ने अनुमति दे रखी है। लेकिन यह बिक्री तभी होनी चाहिए, जब रेल नीर अनुपलब्ध हो। मगर, हो यह रहा है कि आंखों में धूल झोंककर रेल नीर के स्थान पर दूसरे ब्रांड का पानी चढ़ाया जा रहा है।

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कानपुर में 'टू गुड' का जोर

कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर सर्वाधिक जोर टू गुड नाम की एक पानी की कंपनी का है। यह जानकारी मिली है कि कंपनी रेलवे में काम करने वाले एक दलाल की है और उसके मार्फत ही सेवाकर उच्चाधिकारियों को पहुंचाया जाता है। इसीलिए स्टेशनों पर बेरोक-टोक यह पानी ट्रेनों में चढ़ाया जाता है। इसके बाद हेल्थ प्लस व पवन ब्रांड का पानी है। उत्तर मध्य रेलवे में यही दोनों ब्रांड रेलवे द्वारा अनुमति प्रापत बताए जाते हैं।

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मुनाफे के चक्कर में रेल नीर की बेकदरी

रेलों की पेंट्री में रेल नीर की बेकदरी के पीछे उसमें कम मुनाफा होना है। पेंट्री का काम प्राइवेट ठेकेदारों के हाथों में है। दूसरे ब्रांड का पानी 9 रुपये प्रति बोतल मिलता है और पब्लिक को 20 रुपये में दिया जाता है, जबकि रेल नीर 13 रुपये में पड़ता है और 15 रुपये में बिकता है। दूसरे ब्रांड में सीधे-सीधे 11 रुपये का फायदा है, जबकि रेल नीर में दो रुपये प्रति बोतल मिलता है।

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फिर चढ़ा पानी

शनिवार को भी ट्रेनों में दूसरे ब्रांड का पानी चढ़ाया गया। सेंट्रल पर पर्याप्त मात्रा में रेल नीर की उपलब्धता के बावजूद जयनगर से नई दिल्ली जाने वाली स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस की पेंट्री में हेल्थ प्लस, टू गुड की बोतलें लोड की गई।


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